Russia Ukraine War: ज़ेलेंस्की बोले- पुतिन को हत्या का डर इसलिए लड़ रहे युद्ध क्योंकि जंग हारने वालों को रूस में बख्शा नहीं जाता
रूस और यूक्रेन दोनों ही देश युद्ध में एक दूसरे पर लगातार हमला कर रहे हैं. साथ ही दोनों देशों की ओर से बयान और दावों के जरिए मनोवैज्ञानिक लाभ लेने की कोशिश भी जारी है.
Russia Ukraine War: यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध दसवें महीने में प्रवेश कर गया है, पर अभी भी दोनों पक्षों की ओर से पीछे हटने का कोई संकेत महीं मिल रहा है. इस बीच यूक्रेन की ओर से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के लिए एक सनसनीखेज़ बयान आया है. यूक्रेन ने दावा किया है कि पुतिन अपनी हत्या के खौफ से जूझ रहे हैं. यूक्रेन के सीनियर खुफिया अधिकारी ने दावा किया है पुतिन को डर है कि अगर खेरसॉन की मुक्ति के बाद रूस को और भारी झटके लगे, तो वे मारे जा सकते हैं.
'पुतिन को सता रहा है हत्या का डर'
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच (Oleksiy Arestovich) ने कहा कि रूसी कब्जे वाले क्षेत्र पर अचानक कब्जा करने से क्रेमलिन में नाटकीय रूप से डर पैदा हो गया है कि यूक्रेन युद्ध जीत जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि पुतिन अब अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, अगर वे युद्ध हार जाते हैं, तो रूस के लोगों के लिए इसका मतलब अंत है. इसे राजनीतिक अंत तो मानेंगे ही, जान का भी नुकसान हो सकता है.
'पुतिन के वफादार लोगों में भी युद्ध हारने का डर'
क्रीमिया और यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह से पश्चिम में जुड़े होने के कारण रूस के लिए खेरसॉन (Kherson) का बहुत महत्व है. यूक्रेन का दावा है कि पिछले हफ्ते खेरसॉन से रूसी सेना के हटने के बाद पुतिन के लिए शर्मनाक स्थिति बन गई है. यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच का कहना है कि खेरसॉन पर कब्जा यूक्रेन का सबसे बड़ा कब्जा है और इससे नए सिरे से रूस पर हमला करने में मदद मिलेगी. यूक्रेन ने दावा किया है कि खेरसॉन से रूसी सेना के पीछे हटने के बाद पुतिन के वफादार लोगों को भी अब डर का भय सता रहा है.
'रूस के लोग पुतिन के झांसे में नहीं आने वाले'
ओलेक्सी एरेस्टोविच ने दावा किया कि रूसी सेना बेलारूस (Belarus) से डोनबास (Donbas) तक हमला करेगी और रिव्ने परमाणु संयंत्र (Rivne nuclear plan) पर कब्जा करने की भी कोशिश करेगी. रूस पहले ही इस क्षेत्र में हमला कर चुका है और संयंत्र की चार इकाइयों में से एक को पिछले सप्ताह काट दिया गया था.
एरेस्टोविच का मानना है कि इन हमलों से यूक्रेन की पावर कैपेसिटी आधी हो गई है. रूस सोचता है कि इससे यूक्रेन पर क्रेमलिन से बातचीत के लिए दबाव बन सकता है. यूक्रेनी अधिकारी एरेस्टोविच का कहना है कि पुतिन यूक्रेन पर दबाव बनाकर क्रीमिया, डोनेट्स्क और लुहांस्क के कब्जे वाले क्षेत्रों की मांग करेंगे और इसे वो रूस के लोगों को जीत के तौर पर दिखाएंगे. लेकिन रूस के लोग अब पुतिन के इस झांसे में नहीं आने वाले हैं. रूस के लोग पहले ही युद्ध पर हो रहे भारी-भरकम खर्च को लेकर पुतिन से नाराजगी जाहिर कर चुके हैं.
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