Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ रूस (Russia) की सैन्य कार्रवाई का जो खतरा कुछ हफ़्ते पहले अटकलों और बहस का विषय था, वह अब वास्तविक संघर्ष के जोखिम में बदल चुका है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का आदेश दे दिया है. जिसके बाद रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों पर मिसाइल से हमले करने शुरू कर दिए हैं. रूस के इस कदम को लेकर अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. आलम यह है कि रूस की सेना यूक्रेन के अंदर घुस गई है. रूस की इस कार्रवाई के बाद तीसरे विश्व युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. इस रिपोर्ट में जानिए आखिर पहला और दूसरा विश्व युद्ध कब और क्यों हुआ था.
कब और क्यों हुआ था पहला विश्व युद्ध?
युद्ध क्यों हुआ?
आठ जून साल 1914 को ऑस्ट्रिया और हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्क ड्यूक फ्रांज फार्डिनैंड अपनी पत्नी सोफी के साथ बोस्निया में साराएवो के दौरे पर थे, वहां दोनों की सर्ब राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप ने हत्या कर दी. इसके बाद 28 जुलाई को ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया के खिलाफ युद्ध का एलान किया. इसके बाद संकट बढ़ता गया और एक अगस्त को जर्मनी ने रूस और दो दिन बाद फ्रांस के साथ युद्ध शुरू कर दिया. यह विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था.
कितने लोग मारे गए?
चार साल, तीन महीने और दो हफ्ते तक चले इस युद्ध में करीब 30 देश शामिल थे. इस विश्व युद्ध में करीब 6 करोड़ 82 लाख सैनिक लड़े, जिनमें से 99 लाख 11 हजार सैनिक मारे गए. बड़ी बात यह है कि इस युद्ध में 75 हजार भारतीय सैनिक भी थे.
कितने लोग मारे गए?
पहले विश्व युद्ध में 30 ज्यादा देश शामिल हुए थे, जिसमें सर्बिया, ब्रिटेन, जापान, रूस, फ्रांस, इटली और अमेरिका समेत करीब 17 मित्र देश थे. दूसरी ओर जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, बुल्गारिया और ऑटोमन जैसे राज्य थे. युद्ध यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप में लड़ा गया.
कब और क्यों हुआ था दूसरा विश्व युद्ध?
दूसरा विश्व युद्ध यूरोप में 1939 से सितंबर 1945 तक चला था. लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं इस युद्ध में शामिल थी. इस युद्ध में विश्व दो भागों में बंटा हुआ था, मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र. इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक और वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी. युद्ध में अलग-अलग देशों के करीब 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 5 से 7 करोड़ लोगों की जान चली गई और 2 करोड़ से अधिक लोग घायल हुए थे, क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार, जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है. और परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है, युद्ध के आखिर में मित्र राष्ट्रों की जीत हुई. यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था.
क्यों हुआ युद्ध?
दरअसल साल 1936 में एडोल्फ हिटलर ने जर्मनी के राइनलैंड में अपनी सैन्य क्षमता बढानें का काम शुरू कर दिया. इसी बीच 7 जुलाई 1937 को मार्को पोलो पुल हादसा हुआ था, जिसके कारण जापान और चीन के बीच युद्ध शुरू हो गया, जिसे इन दोनों के बीच सबसे लम्बा युद्ध माना जाता है. इसके बाद एक सितम्बर 1939 को जर्मनी नें पोलैंड में घुसपैठ की, जिसके कारण ब्रिटेन और फ़्रांस नें हिटलर के नाजी राज्य से बदला लेने की घोषणा कर दी और युद्ध छिड़ गया. आखिर में जापान की ओर से सरेंडर करने के बाद युद्ध खत्म हुआ.
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