Russia-Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चलते 9 महीने से ज्यादा हो गए. इस युद्ध के खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अभी भी इस संघर्ष पर अपना सख्त रुख बनाए रखा है. इतना ही नहीं, यूक्रेन ने भी इस युद्ध को खत्म करने के लिए पश्चिमी देशों से मिली हथियारों की मदद को फिर से जारी करने की मांग की है.
रूस की ओर से यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बयान से सभी को चौंका दिया है. दरअसल, व्लादिमीर पुतिन ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अपनी हालिया टिप्पणी में कहा है कि 'देश के कुछ हिस्सों में हालात 'बहुत मुश्किल' थे. क्योंकि, क्रेमलिन ने खुद को अलग कर लिया था.' ये दावा न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से किया गया है. आइए 5 प्वाइंट्स में जानते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या दावे किए जा रहे हैं...
क्या मुश्किल हालातों से 'डर' गए पुतिन?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "हां, ये हमारे लिए मुश्किल हो गया है. डोनेस्क और लुहांसक के साथ खेरसॉन और जेपोरिजिया इलाकों में बहुत ज्यादा मुश्किल हो गए हैं." इन सबके बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को बेलारूस में अपने समकक्ष अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात की जिसके चलते यूक्रेन में डर का माहौल बन गया.
दरअसल, यूक्रेन को लगा कि पड़ोसी देश बेलारूस इस संघर्ष में रूस को मदद देने के लिए आगे आ सकता है. हालांकि, अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने फिर से दोहराया कि उनका देश यूक्रेन युद्ध का हिस्सा नहीं बनेगा.
पुतिन 'बड़े भाई', लेकिन संघर्ष से दूर रहेगा बेलारूस
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने पुतिन की बड़ाई करते हुए उन्हें अपना 'बड़ा भाई' बताया है. लुकाशेंको ने कहा कि 'रूस हमारे बिना चीजें संभाल सकता है. लेकिन, हम रूस के बिना चीजें संभाल नहीं सकते.' फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक कई हजार लोगों की मौतें हो चुकी हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में हो रहा ये सबसे खराब संघर्ष है.
जेलेंस्की ने किया हथियार मिलते ही युद्ध खत्म होने का दावा
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने हथियारों की मदद को बढ़ाने की मांग की है. अपने रोजाना दिए जाने वाले बयान में वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि 'हथियार, गोला-बारूद, नई रक्षात्मक प्रणालियां...सब कुछ. जो हमारी जंग को जल्द खत्म करने की क्षमता को बढ़ाएंगे.' वैसे, कीव की मुख्य मांगों में से एक एयर डिफेंस को बढ़ाना है. जेलेंस्की ने एक वीडियो लिंक में कहा कि '100 प्रतिशत एयर डिफेंस शील्ड ही यूक्रेन के लिए रूसी आक्रामकता के खिलाफ सबसे सफलतम कदम होगा. हमें इस कदम को उठाने की जरूरत अभी है.'
यूक्रेन में ब्लैकआउट्स का संकट
रूस की ओर से किए जा रहे कामिकाझे ड्रोन हमलों के जरिये यूक्रेन की राजधानी की इमारतों को निशाना बनाया जा रहा है जिनमें ऊर्जा के ठिकाने यानी पावर ग्रिड्स जैसी इमारतें शामिल हैं. इसके चलते यूक्रेन के कई हिस्सों में ब्लैकआउट्स हो रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने कहा कि सोमवार को 28 में से करीब 23 ड्रोन को मार गिराया गया था लेकिन, इन हमलों से यूक्रेन के कई हिस्सों में पावर संकट उत्पन्न हो गया है. सर्दी शुरू होने के साथ ही अब यूक्रेन को ब्लैकआउट्स से भी दो-चार होना पड़ रहा है.
आखिर रूस चाहता क्या है?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने व्लादिमीर पुतिन के हवाले से कहा कि रूस किसी भी देश को अपने देश में मिलाने की इच्छा नहीं रखता है. ये दावा ऐसे समय में किया गया है, जब संभावना जताई जा रही है कि यूक्रेन पर अधिकार जमाने की महत्वाकांक्षाएं रूस में तेजी से बढ़ी हैं. पुतिन ने कहा कि 'यहां कोई लाभ का मामला नहीं है. ये किसी पर अधिकार जमाने के लिए नहीं है. ये मामला नीति निर्धारण की रूपरेखा का है.'
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