Nuclear Attack Doctrine: रूस अपने परमाणु हथियारों को इस्तेमाल करने वाली नीति में बदलाव करने जा रहा है. ऐसा करने के बाद रूस कम समय में परमाणु हमला करने का निर्णय ले सकेगा. रूसी संसद की रक्षा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि यदि रूस को लगता है कि खतरा बढ़ रहा है, तो वह अतिशीघ्र परमाणु हमले का आदेश दे सकता है. रूस दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु ताकत है. रूस के पास सबसे अधिक परमाणु बम अलर्ट मूड पर हैं. बीते महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अपने देश के आधिकारिक परमाणु सिद्धांत में सुधार की बात कही थी.


रूसी संसद की रक्षा समिति प्रमुख आंद्रेई कार्तापोलोव ने रविवार को राज्य समाचार एजेंसी आरआईए से कहा कि यदि खतरे बढ़ते हैं तो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए निर्णय लेने के समय को बदला जा सकता है. समाचार एजेंसी आरआईए ने कार्तापोलोव के हवाले से कहा, 'अगर हम देखते हैं कि चुनौतियां बढ़ रही हैं और देश को खतरा है तो हम परमाणु हमले के फैसले को तेज कर सकते हैं इसकी नीति में बदलाव कर सकते हैं.' दरअसल, कार्तापोलोव एक समय सीरिया में रूसी सेना की कमान संभाल रहे थे, लेकिन इस समय सत्ताधारी दल यूनाइटेड रूस पार्टी के सांसद हैं.


किन स्थितियों में रूस करेगा परमाणु हला
रूस का 2020 परमाणु सिद्धांत यह निर्धारित करता है कि किन परिस्थितियों में देश के राष्ट्रपति परमाणु हथियार के प्रयोग पर विचार करेंगे. इसके मुताबिक, जब देश का अस्तित्व ही खतरें में पड़ जाए तो सामूहिक विनाश वाले हथियारों पर विचार किया जा सकता है. अब इस सिद्धांत में रूस की सरकार कुछ बदलाव करना चाहती है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के मुताबिक, रूस और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्तियां हैं. इन दोनों देशों के पास दुनिया के करीब 88 फीसदी परमाणु हथियार हैं. दोनों देश अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहे हैं, जबकि चीन अपना परमाणु जखीरा तेजी से बड़ा कर रहा है. 


यूक्रेन युद्ध में परमाणु हमले की जरूरत नहीं
दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी महीने कहा था कि यूक्रेन से जंग जीतने के लिए रूस को परमाणु हमले की जरूरत नहीं है. इससे रूस ने स्पष्ट किया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पश्चिम देशों की तरफ से किया जा रहा सबसे घातक हमला परमाणु युद्ध में नहीं बदलेगा, लेकिन रूस की तरफ से यह भी कई बार कहा गया कि जरूरत पड़ने पर परमाणु हथियार का प्रयोग किया जा सकता है. अब रूस परमाणु हथियार को इस्तेमाल करने वाले सिद्धांत में बदलाव की बात कर रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि रूस के कुछ कट्टरवादी विचारधारा के लोग रूसी सरकार पर इस तरह का दबाव बना रहे हैं. 


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