Gas Supply: रूस ने उठाया बड़ा कदम, डेनमार्क-जर्मनी की कंपनियों को रोकेगा गैस आपूर्ति
कटौती बुधवार से प्रभावी होगी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 31 मार्च को 'अमित्र' देशों और क्षेत्रों के साथ प्राकृतिक गैस व्यापार के संबंध में नए नियमों पर एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए.
रूसी ऊर्जा दिग्गज गजप्रोम ने कहा है कि वह अब डेनमार्क की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी ऑर्सटेड को गैस की आपूर्ति नहीं करेगी और शेल एनर्जी यूरोप अनुबंध के तहत जर्मनी को डिलीवरी रोक देगी. गजप्रोम ने मंगलवार को टेलीग्राम पर बताया, ऑर्सटेड ने गजप्रोम एक्सपोर्ट को सूचित किया है कि वह अब रूबल में गैस का भुगतान नहीं करेगा और शेल एनर्जी यूरोप लिमिटेड ने कहा कि वह जर्मनी को गैस की आपूर्ति के लिए रूबल में भुगतान नहीं करेगा.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसने कहा कि कटौती बुधवार से प्रभावी होगी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 31 मार्च को 'अमित्र' देशों और क्षेत्रों के साथ प्राकृतिक गैस व्यापार के संबंध में नए नियमों पर एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए. डिक्री के अनुसार, मौजूदा अनुबंधों को रोक दिया जाएगा यदि इन खरीदारों ने रूबल में भुगतान करने से इनकार कर दिया.
तेल आयात रोका
वहीं दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सबक सिखाने के लिए यूरोपीय यूनियन ने कच्चे तेल का आयात रोकने का बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के तहत अगले 6 महीने में रूस से किए जाने वाले तेल आयात में 90 फीसदी की कटौती कर दी जाएगी. इस फैसले से कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें फिर से बढ़ने लगी हैं और 122 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है.
रूस ने नहीं दी तवज्जो
यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों के साथ रूस से क्रूड ऑयल और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स की खरीद पर रोक लग जाएगी लेकिन पाइपलाइन क्रूड को अस्थायी रूप से छूट फिलहाल जारी रहेगी. इस प्रतिबंध में समुद्र के रास्ते लाया जाने वाला रूसी तेल भी शामिल है. हालांकि रूस ने यूरोपीय संघ के इस फैसले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है. विएना स्थित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में रूस के स्थायी प्रतिनिधि मिखाइल उलियानोव ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘रूस को दूसरे आयातक मिल जाएंगे.’’
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