Ukraine Tensions: यूक्रेन में तनातनी अब भी जारी है. जिस तरह से हथियार और सैनिकों की तैनाती बढ़ रही है उससे तनाव खत्म होने के जल्द आसार नजर नहीं आते. यूक्रेन की सीमा के नजदीक चल रहे युद्धाभ्यास में 500 लोगों और 80 युद्धक गाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिसमें सुखोई 30 एसएम और एंटी मिसाइट सिस्टम एस 300 शामिल था. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने भी रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में मध्यस्थता की पेशकश की है.


एक तरफ रूस जमीन पर युद्धाभ्यास कर रहा है तो वहीं अमेरिका और सहयोगी NATO देशों ने मेडिटेरियन सी में युद्धाभ्यास कर रूस को जवाब दिया. इस युद्धाभ्यास में NATO के विमानवाहक युद्धपोत शामिल हुए. नेप्च्यून स्ट्राइक 2022 में आकाश में फाइटर प्लेन उड़ा कर NATO ने दिखाया है कि वो यूक्रेन से ज्यादा दूर नहीं है.


अमेरिका ने यूक्रेन के नजदीक बढ़ाई सैनिकों की तैनाती


इतना ही नहीं अमेरिका में यूक्रेन के नजदीक अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. पोलैंड में 1700 अमेरिकी सैनिक रसद और हथियारो के साथ पहुंच गए हैं. करीब 4 हजार अमेरिकी सैनिक पोलैंड में पहले से तैनात हैं. आने वाले दिनों में ये संख्या बढ़ सकती है.


वहीं यूक्रेन के सैनिकों की ट्रेनिंग और तेज कर दी गई है. इन्हें अमेरिकी सेना द्वारा तैयार किया जा रहा है. मौजूदा ट्रेनिंग बंकरों को ध्वस्त करने के लिए है. ये सब इसलिए क्योंकि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का डर सता रहा है. रूस कई बार इंकार कर चुका है कि उसका यूक्रेन पर आक्रमण का कोई इरादा नहीं है. रूस चाहता है कि यूक्रेन को NATO से बाहर रखा जाए. रूस की इस मांग को NATO देश ठुकरा चुके हैं.


यूक्रेन संकट को हवा दे रहा है चीन


उधर जब दुनिया तनाव कम करने में लगी है तो चीन यूक्रेन संकट को हवा दे रहा है. चीन ने रूस का खुला समर्थन किया है और बदले में रूस का साथ मांग रहा है. वहीं तनाव कम करने का कूटनीतिक तरीका ढूंढने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज अगले हफ्ते मास्को और कीव का दौरा करेंगे.


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