Sergey Lavrov: भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने अपने ही देश के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए सर्गेई लावरोव को 'रसिया' बता दिया है. जिसके बाद रूसी राजदूत का यह बयान चर्चा का केंद्र बन गया है. मामले को तूल पकड़ता देख निस अलीपोव ने अपनी सफाई भी पेश की है लेकिन इससे बात बनती नहीं दिख रही. 


गौरतलब है कि ब्रिक्स के बाद रूस के व्लादिमीर पुतिन भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भी भाग नहीं लेने का फैसला किया है. उन्होंने युक्रेन युद्ध के कारण भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने से असमर्थता जाहिर की है. ऐसे में भारतीय मीडिया ने अलीपोव से इसी संबंध में सवाल पूछ लिया. दरअसल, भारतीय पत्रकारों ने पूछा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं, उन्होंने अगले हफ्ते जी20 शिखर सम्मेलन से दूर करने का फैसला क्यों किया है?


विदेश मंत्री को बताया रसिया 


जवाब में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि उनकी जगह रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हिस्सा ले रहे हैं और वे Womaniser  (व्यभिचारी) हैं.  बता दें कि व्यभिचारी उस व्यक्ति को कहा जाता है जो महिलाओं में अत्यधिक रुचि रखता हो , साथ ही जिसके कई महिलाओं के साथ संबंध हों. डेनिस अलीपोव का यह बयान तूल पकड़ता दिख रहे है. उनके इस बयान के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि अब उन्होंने अपनी सफाई भी पेश की है. 


डेनिस अलीपोव ने दी सफाई 


डेनिस अलीपोव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि 'मुझे खेद है कि मेरे शब्दों  मतलब निकाला गया. मेरा अभिप्राय केवल इतना था कि मंत्री लावरोव एक सज्जन व्यक्ति के रूप में महिलाओं के बीच लोकप्रिय हैं. और उनकी बुद्धिमत्ता, करिश्मा और बुद्धिमत्ता के लिए पुरुषों द्वारा भी उनकी बहुत प्रशंसा की जाती है. 






गिरफ्तारी के डर से विदेश दौरों को टाल रहे हैं पुतिन 


बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा कथित युद्ध अपराधों पर उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद से अपने विदेश दौरों से परहेज कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने साउथ अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स सम्मलेन में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भाग लिया .  अब उन्होंने भारत आने से भी इंकार कर दिया है. हालांकि ख़बरों की माने तो रूसी राष्ट्रपति अपनी चीन यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण को स्वीकार किया है. बता दें कि मार्च में हेग (नीदरलैंड्स) की अदालत की ओर से वारंट जारी करने के बाद पुतिन रूस से बाहर नहीं गए हैं.


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