रूस और यूक्रेन के बीच अभी भी जंग जारी है. इसे खत्म करने के लिए बातचीत का दौर भी जारी है. इस बीच रूस के अरबपति अब्रामोविच को लेकर बेहद ही चौकाने वाली खबर सामने आई है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक रोमन अब्रामोविच को इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन के शांति वार्ताकारों के साथ बैठक के दौरान कीव में जहर देकर मारने की कोशिश हुई थी. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए सोमवार को बताया कि रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच और यूक्रेनी वार्ताकार को जहर देकर मारने का प्रयास किया गया था. अरबपति व्यवसायी के खिलाफ हाल ही में पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन पर अपने आक्रमण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए कई प्रतिबंध लगाए गए थे.
रोमन अब्रामोविच को जहर देकर मारने की हुई कोशिश
रोमन अब्रामोविच यूरोप के मशहूर फुटबॉल क्लब चेल्सी के मालिक हैं और उन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बेहद अजीज माना जाता है. रोमन अब्रामोविच रूस और यूक्रेन के बीच हो रही बातचीत में पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभा रहे थे. लेकिन उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की खबर से पूरी दुनिया हैरान है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक अब्रामोविच के साथ-साथ यूक्रेनी टीम के दो वरिष्ठ सदस्यों में कुछ अजीब लक्षण दिखे, जिनमें लाल आंखें, शरीर में दर्द और साथ ही उनके चेहरे और हाथों पर त्वचा के छिलने जैसे लक्षण विकसीत हुए थे. खोजी समाचार साइट बेलिंगकैट ने कहा कि अब्रामोविच के साथ एक रूसी उद्योगपति तातार और यूक्रेनी सांसद रुस्तम उमेरोव इस वार्ता में हिस्सा ले रहे थे. हालांकि अब इन तीनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
क्या अब्रामोविच से नाराज थे पुतिन?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अटकलें ये भी लगाई जा रही है कि अब्रामोविच को जहर देने वाले वो कट्टरपंथी हो सकते हैं जो जंग रोकने के खिलाफ हैं. कहा ये भी जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी अब्रामोविच के जेलेंस्की का संदेशवाहक बनने से नाराज थे. वैसे रूस में जहर देकर विरोधियों का मारने का इतिहास काफी पुराना रहा है. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी अलेक्सी नवेलनी भी इसी तरह के केमिकल अटैक में बुरी तरह बीमार हो गए थे, हालांकि इनकी जान बच गई लेकिन अब नवेलनी जेल में वक्त गुजार रहे हैं. बता दें कि एक महीने से अधिक दिन बीत जाने के बाद भी रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के अलग-अलग शहरों को निशाना बनाकर तबाह कर रहे हैं. 50 लाख से अधिक लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं.
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