Soviet Dam Blast: रूस (Russia) और यूक्रेन (ukraine) के बीच पिछले 14 महीनों से भीषण युद्ध चल रहा है. इस दौरान दोनों देश की सेना कभी ब्रिज पर तो कभी एक-दूसरे के हथियारों के गोदामों पर लगातार हमला कर रही है. इसी बीच साउथ यूक्रेन के रूसी-नियंत्रित हिस्से में एक विशाल सोवियत युग के बांध को मंगलवार (6 जून) को उड़ा दिया गया. इस बात की पुष्टि दोनों पक्षों ने की है. बांध के ब्लास्ट होने की वजह से इस युद्ध प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ आ चुकी है.


बांध के ब्लास्ट में टूटने के बाद से ही रूस और युक्रेन दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया गया कि कखोवका बांध के आसपास तीव्र विस्फोट हुआ. इस वीडियो के दूसरे भाग में देखा जा सकता है कि ब्लास्ट हो जाने के बाद बांध से लगातार भारी मात्रा में पानी बह रहा है.


सोवियत युग के डैम की ऊंचाई 30 मीटर है
सोवियत युग के डैम की ऊंचाई 30 मीटर है और 3.2 किमी लंबा है. इसे साल 1956 में कखोवका हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी के माध्यम से बिजली पैदा करने के लिए नीप्रो नदी पर बनाया गया था. इसमें 3 का जलाशय है, जिसमें पानी को होल्ड करके रखा जाता है. ये डैम क्रीमिया प्रायद्वीप और ज़ापोरीज़्ज़िया नुक्लियर पावर प्लांट को भी पानी की आपूर्ति करता है.






ये साल 2014 से अब तक रूस के कंट्रोल में है. इस पर यूक्रेन की सेना ने कहा कि रूसी सेना ने बांध को उड़ा दिया. यूक्रेन के सशस्त्र बलों के साउथ कमांडर ने मंगलवार (6 जून) को अपने फेसबुक पेज पर कहा कि कखोवका बांध को रूसी कब्जे वाली सेना ने उड़ा दिया था.


WWII के दौरान भी उड़ाया गया था डैम
यूक्रेनी कमांडर ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ये विनाश का एक अलग पैमाना तैयार किया गया है. इससे आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना हो सकती है. रूसी सेना के अधिकारी ने डैम के ब्लास्ट में उड़ जाने के बाद कहा कि इसे आतंकवादी हमले के तहत उड़ाया गया है.


इससे पहले दूसरे विश्व युद्ध के दौरान स्टालिन के आदेश पर सोवियत संघ की सेना ने हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी बांध को उड़ा दिया गया था. उस वक्त बांध के बर्बाद होने के बाद 1 लाख लोग मारे गए थे.


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