Russian Foreign Minister Lavrov: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) ने शुक्रवार (3 मार्च) को पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वे जी20 समूह की बैठकों के दौरान यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठा रहे हैं और दावा किया कि समूह की पिछली बैठकों में किसी ने भी इराक, अफगानिस्तान और यूगोस्लाविया में स्थिति की सुध नहीं ली.
यहां दिल्ली में रायसीना डायलॉग में भाग लेते हुए लावरोव ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्यों हर कोई रूस (Russia) से पूछ रहा है कि युद्ध खत्म करने के लिए क्या वह बातचीत करने को तैयार है, जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने एक आदेश पत्र पर हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के तहत मास्को के साथ बातचीत को एक आपराधिक कृत्य घोषित किया है.
यूक्रेन मुद्दा उठाया
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि रूस को लड़ाई के मैदान में हराना होगा. रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि वे कहते हैं कि रूस को एक रणनीतिक हार मिलनी चाहिए और उनका कहना है कि यह वैश्विक वर्चस्व के संदर्भ में पश्चिम के लिए अस्तित्व का सवाल है.
जी20 विदेश मंत्रियों के गुरुवार (2 मार्च) की बैठक का जिक्र करते हुए रूसी मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देशों के नेताओं ने यूक्रेन मुद्दा उठाया है, लेकिन उन्होंने हैरानी जताते हुए सवाल किया कि अतीत में समूह की बैठकों में क्या कभी इराक, लीबिया, अफगानिस्तान या यूगोस्लाविया पर चर्चा की गई? कोई भी व्यक्ति वित्त और आर्थिक नीतियों की सुध नहीं ले रहा है जिसके लिए जी 20 का गठन किया गया था.
रूस ने अपनी रक्षा करनी शुरू की
लावरोव ने कहा कि रूस ने जब अपनी रक्षा करनी शुरू की, तब यूक्रेन के सिवाय ऐसा कुछ नहीं है जो जी20 की रुचि का विषय हो. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है. यदि वे कहते हैं कि यह उनके लिए अस्तित्व की लड़ाई है तो यह हमारे लिए भी अस्तित्व की लड़ाई है. मॉस्को नाटो के विस्तार और रूस के खिलाफ युद्ध के इरादे से तैयार करने के लिए यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के खिलाफ दशकों से पश्चिम को चेतावनी देता रहा है.
पश्चिमी की प्रतिक्रिया से प्रभावित हुए
लावरोव ने कहा कि यूक्रेन में रूस जो कुछ कर रहा है उससे यूरोप के देश प्रभावित नहीं हुए हैं, बल्कि वे क्षेत्र में रूस की कार्रवाई पर पश्चिमी की प्रतिक्रिया से प्रभावित हुए हैं. रूसी मंत्री ने कहा कि उन्हें (पश्चिम को) यह याद नहीं कि सर्बिया पर कब बमबारी की गई थी. उस वक्त सीनेटर रहे जो बाइडेन ने यह शेखी बघारी थी कि उन्होंने उस रुख को बढ़ावा दिया था.
इराक में सैन्य कार्रवाई के कुछ सालों बाद टोनी ब्लेयर ने इसे एक गलती बताया था. आपको लगता है कि अमेरिका को खतरे की घोषणा करने का अधिकार है, जैसा कि उन्होंने अन्य देशों में किया, लेकिन किसी ने भी इसके लिए सवाल नहीं पूछा.