(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूक्रेन में जंग के बीच आज दो दिन के भारत दौरे पर आ रहे हैं रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी से जंग छिड़ने के बाद रूसी विदेश मंत्री की ये भारत में पहली उच्चस्तरीय यात्रा है. तेल खरीद और रुपया-रूबल में कारोबार पर बात हो सकती है
यूक्रेन में जंग के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आज दो दिन के दिल्ली दौरे पर आ रहे हैं. रूस-यूक्रेन के बीच जंग के माहौल में दुनिया का उम्मीदें भारत से बढ़ी हैं. अमेरिका रूस पर शिकंजा कसने के लिए लगातार भारत से रूस के खिलाफ समर्थन देने की मांग कर रहा है. तो वहीं रूस प्रतिबंधों की वजह से अस्त-व्यस्त होती अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पारंपरिक दोस्त भारत की तरफ देख रहा है. इसी उम्मीद के साथ रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिनों के भारत दौरे पर आ रहे हैं. सर्गेई लावरोव 31 मार्च से एक अप्रैल तक भारत के दौरे पर रहेंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई है.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का भारत दौरा
यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी से जंग छिड़ने के बाद रूसी विदेश मंत्री की ये भारत में पहली उच्चस्तरीय यात्रा होगी. सर्गेई लावरोव की यात्रा ऐसे समय में होने जा रही है, जब अमेरिका के डिप्टी NSA दलीप सिंह भारत आने वाले हैं. दलीप सिंह 30-31 मार्च तक दिल्ली में रहेंगे. बताया जा रहा है कि रूस भारत के साथ कारोबार और उसके लिए जरूरी पेमेंट सिस्टम को आसान बनाने पर बात कर सकता है. लावरोव के इस दौरे का मकसद रूस से कच्चे तेल की खरीद से जुड़ा है. पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए तमाम प्रतिबंधों और स्विफ्ट पेमेंट सिस्टम से रूस को बाहर करने के चलते दोनों देशों के विदेश मंत्रियों में रुपये और रुबल में भुगतान करने पर भी चर्चा हो सकती है.
एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी को लेकर भी चर्चा संभव
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भारत की ओर से सैन्य सामग्री और खासकर एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की समय पर डिलीवरी पक्की करने पर भी चर्चा हो सकती है. रूस और यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से रूसी विदेश मंत्री की ये तीसरी विदेश यत्रा है. इससे पहले 10 मार्च को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने तुर्की में जाकर यूक्रेन के विदेश मंत्री से बातचीत की थी. इसके बाद सर्गेई लावरोव 30 मार्च को अफगानिस्तान के मसले पर बैठक के लिए चीन पहुंचे थे.
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