Russia Ukrain War: रूस-यूक्रेन जंग के 2 साल से ज्यादा हो गए हैं. रूस की सेना में सेवा दे रहे लगभग 70 भारतीयों की रिहाई को लेकर अब भी प्रक्रिया रुकी हुई है. इसके पीछे कॉन्ट्रैक्ट को वजह बताया जा रहा है. दरअसल रूसी अधिकारियों ने उनके मिलिट्री सर्विस कॉन्ट्रैक्ट को रद्द नहीं किया है. इस मामले से जुड़े लोगों ने शनिवार (7 सितंबर) को यह जानकारी दी.


हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के साथ युद्ध में लड़ते हुए कम से कम 9 भारतीयों की मौत हो चुकी है. इसके बाद, रूसी मिलेट्री यूनिट में सपोर्ट स्टाफ के तौर पर काम कर रहे भारतीय नागरिकों की रिहाई और उन्हें भारत भेजने का मुद्दा संवेदनशील बन गया है.


नई दिल्ली और मॉस्को ने कूटनीतिक चैनलों के जरिए उठाया मुद्दा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को जुलाई में मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी मुलाकात के दौरान उठाया था. उस बैठक के बाद से इस मुद्दे को नई दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह कूटनीतिक चैनलों के जरिए उठाया गया. सूत्रों ने बताया कि रूसी सेना से लगभग 70 भारतीयों की रिहाई मुख्य रूप से इसलिए रुकी हुई है क्योंकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने अभी तक उनके अनुबंधों को रद्द करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है. भारतीय सरकार इस मुद्दे पर लगातार रूसी अधिकारियों के संपर्क में है.


रूसी रक्षा मंत्रालय ने नहीं जारी किया कॉन्ट्रेक्ट रद्द करने का आदेश


सूत्रों के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय को कॉन्ट्रेक्ट को रद्द करने का आदेश जारी करना है और ऐसा अभी तक नहीं हुआ है. एक अन्य सूत्र का कहना है कि रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से देरी अन्य देशों के नागरिकों के हस्ताक्षरित कॉन्ट्रेक्ट पर इस तरह के रद्दीकरण के प्रभाव के बारे में आशंकाओं के कारण हो सकती है.


हाल के हफ्तों में सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कुल 91 भारतीयों को रूसी सेना में भर्ती किया गया था. जिनमें से 15 को रिहा कर भारत वापस भेज दिया गया है फिलहाल, 68 भारतीय रूसी सेना से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं.


सरकार भारतीयों की रिहाई के लिए गंभीरता से कर रही विचार- जयशंकर


वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 9 अगस्त को लोकसभा में बोलते हुए कॉन्ट्रैक्ट की समस्या का संकेत दिया था. उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि रूसी अधिकारियों का कहना है कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सेवा के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था. हम जरूरी तौर पर इस बात से सहमत नहीं हैं. जयशंकर ने कहा कि भारतीय पक्ष इस मामले को बहुत गंभीरता से लेता है. पीएम मोदी को पुतिन से आश्वासन मिला है कि रूसी सेना में सेवारत किसी भी भारतीय नागरिक को बर्खास्त कर दिया जाएगा.


रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की भर्ती पर अप्रैल में लगा दी थी रोक- दूतावास


संसद में जयशंकर के बयान के एक दिन बाद, नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की भर्ती इस साल अप्रैल में रोक दी गई थी. इस दौरान दूतावास ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की और कहा कि सभी संविदात्मक दायित्व और मुआवजा भुगतान “पूरी तरह से पूरा किया जाएगा.


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