Russia’s Dolphin Army: रूस युद्ध में यूक्रेन को कोई भी बढ़त का मौका देने के मूड में बिल्कुल नहीं दिख रहा है. रूस यूक्रेन के खिलाफ अपनी जंग को और तेज करने के कवायद में जुट गया है. इस बार रूस ने अपने एक और हथियार का उपयोग करने के कदम में आगे बढ़ते हुए युद्ध में डॉल्फिन आर्मी को शामिल कर लिया है. रूसी सेना ने इन मछलियों को ट्रेनिंग देकर जंग के लिए ही तैयार किया है. रूस ने बहुत ही खास रणनीति के तहत डॉल्फिन आर्मी को युद्ध में शामिल किया है.


यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस ने डॉल्फिन्स मछलियों को भी मैदान में उतार दिया है. रूसी सेना की तरफ से इन मछलियों को ट्रेनिंग देकर ब्लैक सी के नौसैनिक अड्डों की निगरानी के लिए तैनात किया गया है. ये खुलासा सबसे पहले अप्रैल 2022 में अमेरिका के यूएस नेवल इंस्टीट्यूट (USNI) की तस्वीरों के जरिए हुआ था. फरवरी में यूक्रेन पर अटैक की शुरुआत में ही रूस ने अपने नेवल बेस पर डॉल्फिन्स की दो बटालियन को शिफ्ट कर दिया था.


रुसी डाल्फिन आर्मी का काम


पुतिन की ये डॉलफिन्स आर्मी समुद्र में मौजूद किसी भी दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी के साउंड सिग्नल्स की पहचान कर सकती है. रूसी सेना ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से डॉल्फिन्स की हरकतें सिग्नल में कन्वर्ट हो जाती हैं और सेना को दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी के हरकतों के बारे में पता चल जाता है.


डॉल्फिन्स आर्मी सुरक्षा करने में माहिर


सेना की जानकारी के मुताबिक, मिलिट्री के मदद से ट्रेन की गईं है. ये डॉल्फिन्स रूसी नेवल बेस के एंट्री प्वाइंट सेवस्तोपोल बंदरगाह की निगरानी करती है. एंट्री पॉइंट से कोई भी जहाज,पनडुब्बी या युद्धपोत रूस में प्रवेश कर सकता है. साथ ही यहां रूस की परमाणु पनडुब्बियां और जंगी जहाज हर पल तैनात रहते हैं, जिस वजह से डॉल्फिन्स की तैनाती और भी जरूरी हो जाती है. डॉल्फिन्स आर्मी बहुत ही तेज-तर्रर भी होती है. डॉल्फिन्स पानी के अंदर दुश्मन के टारगेट पॉइंट के साउंड और रेंज को डिटेक्ट करमे में माहिर होती है.


डॉल्फिन्स आर्मी  का पहले भी हो चुका है इस्तेमाल


साल 2018 के वक्त में रिलीज हुई एक सैटेलाइट इमेजरी में ये खुलासा हुआ था कि रूस ने सीरियन वॉर के वक्त टर्तुस और सीरिया में बने अपने नेवल बेस पर डॉल्फिन्स का इस्तेमाल किया था. कोल्ड वॉर के समय भी अमेरिका और सोवियत संघ ने डॉल्फिन्स को ट्रेन करने के लिए नई तकनीकें विकसित की थी.


बेलुगा व्हेल को भी ट्रेन कर चुके हैं रूसी


डॉल्फिन्स के अलावा रूस बेलुगा व्हेल को भी ट्रेन कर चुका है. यह 2019 में नॉर्वे में देखी गई थी. तब वहां के मछुआरों ने बताया था कि साज (हार्नेस) पहनी और कैमरा लटकाई एक व्हेल उनकी नावों के साथ खींचतान कर रही थी. तब जाकर बाकी देशों को ये पता चल पाया था कि रूसी बेलुगा व्हेल को ट्रेन करने का काम करती है.


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