रूसी सेना ने पिछले हफ्ते गुरुवार को यूक्रेन पर हमला किया था, तब से पिछले पांच दिनों में लगातार यूक्रेन और रूस आमने सामने है. सोमवार को दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई, हालांकि पहली बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला. एबीपी न्यूज़ यूक्रेन और रूस के इस जंग की पल पल की अपडेट मुहैया करा रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को एबीपी न्यूज़ के शो 'इंडिया चाहता है' में रूस और अमेरिका से यूक्रेन संकट को लेकर कड़े सवाल हुए. दरअसल यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. रूस भी लगातार अमेरिका के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहा है और कई तरह के आरोप लगा रहा है. ऐसे में एबीपी न्यूज़ इन दोनों देशों के प्रतिनिधियों को एक साथ लेकर आया. रूस की ओर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशियन पार्टी के एमएलए अभय सिंह, जबकि अमेरिका का पक्ष रखने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेड तारड़ मौजूद रहे.


शो के दौरान जब अभय सिंह से पूछा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने न्यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट पर कर दिया है. क्या न्यूक्लियर से हमला हो सकता है? इस पर भारतीय मूल के रूसी विधायक अभय सिंह ने कहा, "हाई अलर्ट इसलिए किया गया है कि अगर हमारे देश पर किसी देश से हमला होगा तो उसकी जवाबी कार्रवाई की जाएगी. यूक्रेन का युद्ध, यूक्रेन का युद्ध नहीं है, उसके पीठ पीछे दूसरे देशों का हाथ है, जो यूक्रेन के ज़रिए काम करवा रहे हैं. वो देश (अन्य देश) एटॉमिक देश हैं. अगर उनसे खतरा होगा, तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यूक्रेन पर नहीं की जाएगी. उसी पर की जाएगी जो हमारे देश पर हमला करेगा. यूक्रेन एक गैर परमाणु देश है."  


अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेड तारड़ से शो में सवाल हुआ कि क्या नेटो देश रूस पर परमाणु हमले की योजना बना रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, "ऐसी कोई बात नहीं है... शायद हमने इस बात पर कुछ ज्यादा ही फोकस किया है. हालांकि जब न्यूक्लियर हथियारों के बारे में बात कर रहे हैं को तो ये बिल्कुल महत्वपूर्ण बात है इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन इस वक्त जो वैश्विक चुनौती है वो यूक्रेन में हो रहा है. बजाय इसके कि हम भटके, हमें ये देखना होगा कि यूक्रेन के इस वक्त हालात क्या हैं. यूक्रेन में आम नागरिकों के क्या हालात हैं और हम कैसे उनके मदद पहुंचा सकते हैं."



अमेरिका ने यूक्रेन को 300 मिलियन डॉलर की मदद का एलान किया है. सवाल ये है कि जब अमेरिका खुद यूक्रेन में सेना की मदद कर रहा है तो ऐसे में जंग कैसे खत्म होगी? इस पर जेड तारड़ ने कहा, "उम्मीद ये नहीं है कि युद्ध बढ़ेगा, लेकिन हमें ये भी मानना पड़ेगा कि इस वक्त जो फैसला है वो सिर्फ व्लादिमीर पुतिन का है और रूस का है कि क्या उन्होंने जो ये यूक्रेन पर नाजायज़ हमला शुरू किया है क्या उसको रोकना है या नहीं."


रूस का इतिहास बताते हुए अभय सिंह ने कहा, "दरअसल ये एक ही नस्ल के लोग हैं (रूस और यूक्रेन के लोग), लव्यानी हैं. इनको लव्यान बोलते हैं. रशियन और यूक्रेनियन लोगों की उत्पत्ति एक ही जगह से हुई है...लेकिन सोवियत यूनियन टूटने के बाद पिछले 30 सालों से यूक्रेन के पीछे कुछ बाहरी देश काम कर रहे थे. इस तरह उनको भड़काया गया कि आज वहां के लोग इस परिस्थिती में आ गए हैं." अभय सिंह ने कहा कि 


रूसी एमएलए ने दावा किया कि अमेरिका यूक्रेन के ज़रिए रशिया बॉर्डर तक पहुंच रहा है. इस आरोप पर जेड तारड़ ने कहा, "जो हम सुनते है मॉस्को से वो ज्यादातर झूठ है. हम इन बातों पर बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहते हैं. जो हम मॉस्को से सुनते हैं मैं उन बातों को सच नहीं मानता." जेड तारड़ ने कहा कि हमने खुद पुतिन से सुना है कि वो समझ हैं कि यूक्रेन की मौजूदगी और वो देश बिल्कुल नाजायज़ है. और वो कहते हैं कि यूक्रेन होना ही नहीं चाहिए.


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