मॉस्कोः रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के कार्यकाल में अभी 4 साल बाकी हैं, लेकिन उन्होंने संविधान में संशोधन के जरिए अगले 2 कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर लिया है. रूस में संविधान संशोधन को लेकर हुई वोटिंग में रूसी जनता ने भारी बहुमत से अपना समर्थन जाहिर किया. इस संशोधन के बाद पुतिन चुनाव जीतने की स्थिति में 2036 तक राष्ट्रपति रह सकेंगे.

पुतिन सरकार ने संविधान संशोधन के लिए 6-6 साल के और दो कार्यकाल के लिए देश में वोटिंग कराई थी, जिसे रुस की जनता ने 78 फीसदी वोट के साथ अपना समर्थन दिया है. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक सिर्फ 21 फीसदी जनता ने इस संशोधन का विरोध किया.

2000 से देश सत्ता पर काबिज पुतिन

हालांकि विपक्षी दलों ने इस वोटिंग पर सवाल खड़े किए और इसे फर्जी और अवैध करार दिया. वहीं चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने वोटिंग को पूरी तरह से निष्पक्ष रखने का भरपूर प्रयास किया और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रही.

2000 में पहली बार रूस के राष्ट्रपति बनने वाले पुतिन फिलहाल 2024 तक देश के राष्ट्रपति रहेंगे. नए संशोधन के बाद चुनाव जीतने की स्थिति में वो 2036 तक देश की बागडोर संभाले रहेंगे. पुतिन पिछले 2 दशक से ही बतौर राष्ट्रपति और 4 साल के लिए बतौर प्रधानमंत्री देश की सत्ता पर काबिज रहे हैं.



विपक्ष का नतीजों का मानने से इंकार

विपक्षी नेता एलेक्सेई नवाल्नी ने कहा कि ये इस वोट को अवैध करार देते हुए कहा कि वो इसे कभी मान्यता नहीं देंगे और इसका विरोध करेंगे. हालांकि उन्होेंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण बने हालात के चलते अभी विरोध प्रदर्शन नहीं किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि पुतिन को प्रदर्शनों से डर लगता है और जब तक लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर नहीं उतरते तब तक पुतिन सत्ता नहीं छोड़ेंगे.

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