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Putin critics Death: क्यों अचानक हो जाती है पुतिन का विरोध करने वालों की मौत, इन 10 विरोधियों की रहस्यमय मौत की कहानी डरा देगी, कोई खिड़की से गिरा तो कोई फांसी पर झूला..
Putin critics: ये पहला मौका नही है, जब किसी ने पुतिन का विरोध किया और कुछ समय बाद रहस्यमय तरीके से मौत हो गई. ऐसे कई मौके पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों पर उनके विरोधियों की हत्या कर दी गई है.
![Putin critics Death: क्यों अचानक हो जाती है पुतिन का विरोध करने वालों की मौत, इन 10 विरोधियों की रहस्यमय मौत की कहानी डरा देगी, कोई खिड़की से गिरा तो कोई फांसी पर झूला.. Russian President Vladimir Putin 10 critics died in Mysterious condition see list Putin critics Death: क्यों अचानक हो जाती है पुतिन का विरोध करने वालों की मौत, इन 10 विरोधियों की रहस्यमय मौत की कहानी डरा देगी, कोई खिड़की से गिरा तो कोई फांसी पर झूला..](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/28/0f52443bf2553976671f8e30a1fa20c01672212924090398_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Vladimir Putin critics: आज के समय में दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक रूस के राष्ट्रपति हैं व्लादिमीर पुतिन. पुतिन के जहां चाहने वाले हैं वहीं उनकी आलोचना करने वालों की भी कमी नहीं है. हालाकि एक दिलचस्प बात ये है कि पुतिन की आलोचना करने वालों में कई लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो जाती है. इसका ताजा उदाहरण हाल ही में भारत में देखने को मिली. भारत के उड़िसा में रूसी बिजनेसमैन पावेल एंतोव की डेड बॉडी होटल में मिली. वो भारत अपने 65 वें जन्मदिन को सिलिब्रेट करने आए हुए थे. उन्होंने हाल ही में पुतिन का विरोध यूक्रेन हमले को लेकर किया था.
इस साल जून में पावेल एंतोव ने मिसाइल हमले को लेकर विरोध किया था, जिसमें सात साल कि एक बच्ची, उसकी मां घायल और पिता की मौत हो गई थी. पुतिन का विरोध करने के बाद इस तरह की हत्या कई तरह के सावल भी खड़े करते हैं. ये पहला मौका नही है, जब किसी ने पुतिन का विरोध किया और कुछ समय बाद रहस्यमय तरीके से मौत हो गई. ऐसे कई मौके पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों पर उनके विरोधियों की हत्या कर दी गई है.
पुतिन के ऐसे दस विरोधी जिनकी संदिग्ध स्थिति में हुई मौत
नेम्तसोव- रूस के नेम्तसोव की हत्या साल 1990 में हो गई थी, वो पोस्ट-सोवियत के एक पॉलिटिकल स्टार मानें जाते थे. वो डिप्टी पीएम तक बन गए थे और कुछ समय के बाद उन्हें लोग राष्ट्रपति के पद के लिए अच्छा उम्मीदवार मानने लगे थे. लेकिन साल 2000 में पुतिन राष्ट्रपति बन गए. कुछ समय के बाद पुतिन ने नागरिक स्वतंत्रता वापस ले ली तो नेम्तसोव ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. नेम्तसोव ने साल 2011 में चुनाव में हुए घोटाले को लेकर रैली निकाली. 4 साल के बाद 2015 में यूक्रेन में रूस की सैन्य भागीदारी के खिलाफ एक मार्च में शामिल होने के कुछ घंटों के बाद ही गोली मार कर हत्या कर दी गई.
स्टैनिस्लाव मार्केलोव और अनास्तासिया बाबूरोवा- मार्केलोव एक मानवाधिकार वकील थी, जिन्हें रूसी सेना में मानवाधिकार मामलों को लेकर चेचन नागरिकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता था. उन्होंने उन पत्रकारों का भी प्रतिनिधित्व किया, जिन्होंने पुतिन की आलोचनात्मक लेख लिखने के बाद खुद को कानूनी मुसीबत में डाल दिया, जिसमें नोवाया गजेता के रिपोर्टर अन्ना पोलितकोवस्काया भी शामिल थे, जिनकी 2006 में हत्या कर दी गई थी. मार्केलोव की हत्या साल 2009 में एक अज्ञात बंदूकधारी ने कर दी.
सर्गेई मैग्निट्स्की- सर्गेई मैग्निट्स्की रूस के जाने-मानें वकिल थे. उनकी मौत साल 2009 नवंबर में पुलिस हिरासत में हो गई थी. उनको बहुत ही बेरहमी से मारा-पीटा गया था. वो एक बहुत बड़े टैक्स चोरी पर काम कर रहे थे. इनकी गिरफ्तारी इसलिए कि गई थी, क्योंकि उनका मानना था कि टैक्स चोरी में पुलिस का भी हाथ था.
एलेक्जेंडर- एलेक्जेंडर की मौत हाल में ही तीन हफ्ते पहले डेड बॉडी स्पेन में फांसी के फंदे पर लटका हुआ था. उनकी भी हत्या का शक पुतिन पर गया था
नतालिया एस्टेमिरोवा- नताल्या एस्टेमिरोवा एक पत्रकार थीं, जिन्होंने चेचन्या में अपहरण और हत्याओं की जांच की थी. वहां, रूस समर्थक सुरक्षाबलों ने देश के कुछ सबसे खराब आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार इस्लामिक आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए क्रूर कार्रवाई की. स्टेमिरोवा ने उन नागरिकों पर रिपोर्ट की, जो अक्सर दो हिंसक ताकतों के बीच फंस जाते थे. एस्टेमिरोवा को उसके घर के बाहर अगवा कर लिया गया और कई बार गोली मारी गई, जिसमें सिर में एक पॉइंट-ब्लैंक शॉट भी शामिल था और पास के जंगल में फेंक दिया गया.उसकी हत्या के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया गया.
अन्ना पोलितकोवस्काया- एना पोलितकोवस्काया नोवाया गज़ेटा के लिए एक रूसी रिपोर्टर थीं. उन्होंने "पुतिन का रूस" नाम कि किताब लिखी थी. इसमें क्रेमलिन नेता पर देश को पुलिस राज्य में बदलने का आरोप लगाया था. चेचन्या में हुए दुर्व्यवहार के बारे में भी विस्तार से लिखा था. उन्हें उन ही के बिल्डिंग के एक एलिवेटर में साल 2006 में काफी नजदीक से गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इनकी हत्या के आरोप नें 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
अलेक्जेंडर लिट्विनेंको- अलेक्जेंडर लिटविनेंको एक पूर्व केजीबी एजेंट था. जैसा कि बिजनेस इनसाइडर में लिखा था. इनकी मौत साल 2006 में एक कप चाय पीने के ठीक तीन हफ्ते बाद हो गई थी. इन्हें लंदन के एक होटल में घातक पोलोनियम -210 जहर देकर मारा गया था. एक ब्रिटिश जांच में पाया गया कि लिटविनेंको को रूसी एजेंटों आंद्रेई लुगोवोई और दिमित्री कोवटन की ओर से जहर दिया गया था, जो पुतिन के इशारो पर काम कर रहे थे.
सर्गेई युशेनकोव- सर्गेई युशेनकोव ने लिबरल रूस में एक पॉलिटिकल नेता के रूप से आंदोलन में जुड़े थे. जब मॉस्को में उनके घर के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. युशेनकोव सबूत इकट्ठा कर रहे थे, उनका मानना था कि 1999 में एक अपार्टमेंट बम विस्फोट के पीछे पुतिन सरकार का हाथ था.
यूरी शेकोचिखिन- यूरी शेकोचिखिन नोवाया गजेटा के लिए 1999 में हुए अपार्टमेंट बम धमाकों की जांच कर रहे थे, जब जुलाई 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए रवाना होने से कुछ दिन पहले उनकी अचानक मृत्यु हो गई. उन्हें एक रहस्यमय बीमारी हो गई थी.
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