Russia-Ukraine War: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच शुरू हुए लड़ाई को लगभग 1 साल हो गया है. आए दिन दोनों देशों के तरफ से हो रहे हमलों की खबरें लगातार आती रहती हैं. दोनों देशों के सहयोगी मित्र देश एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं. अब तक दोनों के हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है. इसी बीच रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव (Dmitry Medvedev), जो व्लादिमीर पुतिन के सबसे करीबी मित्र माने जाते हैं, उन्होंने नाटो देशों (North Atlantic Treaty Organization) को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसी भी वजह से रूस यूक्रेन से लड़ाई हारता है तो न्यूक्लियर युद्ध छिड़ सकता है.
बता दें कि दिमित्री मेदवेदेव वर्तमान में रूस की सिक्योरटी काउंसिल के डिप्टी चेयरमैन हैं. गुरुवार (19 जनवरी) को मेदवेदेव ने कहा कि रूस परमाणु हथियारों से लैश (Nuclear Equipped) है और अगर नाटो के देश यूक्रेन को हथियार देना बंद नहीं करते हैं तो न्यूक्लियर वॉर शुरू हो सकता है.
साल 2008 से लेकर 2012 तक दिमित्री मेदवेदेव रूस के राष्ट्रपति थे. यूक्रेन से छिड़ी लड़ाई पर बात करते हुए उन्होंने कहा है कि न्यूक्लियर इक्योंपिड देशों ने कभी बड़ी लड़ाईयां नहीं हारी है.
नाटो देशों के प्रमुख नेता जर्मनी में मिलेंगे
उधर, शुक्रवार (20 जनवरी) को नाटो देशों के प्रमुख नेता जर्मनी के रामस्टीन एयर बेस पर मिलने वाले हैं, जहां वे रूस को हराने की रणनीति पर चर्चा करेंगे. इसी को लेकर दिमित्री मेदवेदेव का बयान आया है. मेदवेदेव की ओर से कहा गया है कि नाटो को इस से होने वाले जोखिम को लेकर सोचना भी चाहिए. रूस और अमेरिका पूरी दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी न्यूक्लियर पावर हैं, जिनके पास दुनिया के न्यूक्लियर हथियारों का लगभग 90% हिस्सा है. रूस में पुतिन न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल पर फाइनल डिसीजन लेने वाले नेता हैं. पश्चिमी देशों को वह कई बार चेतावनी दे चुके हैं. उनका कहना है कि यूक्रेन में अमेरिकी हस्तक्षेप बंद होना चाहिए.
रूस के परमाणु हथियार ज्यादा घातक
वैश्विक रणनीतिकारों का मानना है कि नाटो की सैन्य श्रेष्ठता रूस के मुकाबले ज्यादा है, लेकिन जब न्यूक्लियर हथियारों की बात आती है, तो यूरोप में गठबंधन पर रूस का न्यूक्लियर सिस्टम बेस्ट माना जाता है. पुतिन ने यूक्रेन में रूस के कथित 'स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' को 'आक्रामक और अहंकारी वेस्टर्न देशों' के साथ एक अस्तित्वगत लड़ाई के रूप में परिभाषित किया है और कहा है कि रूस किसी भी हमलावर के खिलाफ खुद को और अपने लोगों को बचाने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा.
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