रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के लिसिचांस्क शहर में तेल रिफाइनरी पर बमबारी की, जिससे वहां भीषण आग लग गई. क्षेत्र के गर्वनर ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है कि तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया गया और आरोप लगाया कि रूसी सैनिक स्थानीय आपात सेवा को ध्वस्त करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हमले के समय रिफाइनरी में ईंधन नहीं था और ‘‘तेल सामग्री के अवशेष’’ में आग लग गई.
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने शनिवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में आठ क्षेत्रों- पूर्व में दोनेत्सक, लुहांस्क और खारकीव, मध्य यूक्रेन में निप्रॉपेत्रोवस्क, पोल्तावा और किरोवोह्रद तथा दक्षिण में मायकोलीव और खेरसॉन में रूसी सेना ने गोलाबारी की.
रिपोर्ट के अनुसार, खारकीव में शुक्रवार को हमले में नौ नागरिकों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. जबकि, इसके लगे अन्य क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई. दक्षिण में, मायकोलीव में शुक्रवार और शनिवार को भीषण हमले किए गए. राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक हवाई हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए. क्षेत्रीय विधायिका की प्रमुख हन्ना जमाजेयेवा ने शनिवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में हमलों में 39 लोग घायल हो गए. जमाजेयेवा ने कहा कि रूसी सैनिकों ने रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया.
1,000 से ज्यादा नागरिकों बंधक
वहीं यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरीना वीरेशचुक ने शनिवार को टेलीविजन पर कहा कि 700 यूक्रेनी सैनिकों और 1,000 से अधिक नागरिकों को वर्तमान में रूसी सैनिकों ने बंधक बनाकर रखा है. नागरिकों में आधी से ज्यादा महिलाएं हैं. वीरेशचुक ने कहा कि कीव बंदी सैनिकों की अदला-बदली करने का इरादा रखता है, क्योंकि यूक्रेन के कब्जे में भी इतने ही रूसी सैनिक हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकों को ‘‘बिना किसी शर्त के’’ रिहा करने की मांग करते हैं.
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