Russian Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच लगभग दो हफ्तों से जंग जारी है. रूस यूक्रेन के अलग-अलग शहरों पर मिसाइलों बमों से हमले कर रहा है. इस दौरान कई लोगों की जान जा चुकी है जबकि लाखों की तादाद में लोग यूक्रेन से पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. इस बीच रूस से नाराज कई देश उसपर प्रतिबंध लगा रहे हैं. अब न्यूजीलैंड ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन समेत 100 महत्वपूर्ण लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस लिस्ट में रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का नाम भी शामिल है.
टेक दिग्गज भी रूस पर लगा रहे हैं प्रतिबंध
दुनिया की पांच प्रमुख तकनीकी कंपनियों गूगल (अब अल्फाबेट), एपल, फेसबुक, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट ने यूक्रेन पर आक्रमण करने पर रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं. लेकिन यह फैसले अचानक नहीं आए. यूक्रेन ने प्रमुख तकनीकी कंपनियों की उसी तरह पैरवी की है जैसे उसने यूरोपीय संघ, नाटो और अमेरिकी सरकार से सहायता मांगी थी. गूगल ने रूस में अपनी सेवाओं में ऑनलाइन विज्ञापन बेचना भी बंद कर दिया है. फॉक्सटेल ने ऑस्ट्रेलिया में आरटी को हटा दिया है, लेकिन यह अभी भी यूट्यूब पर लाइवस्ट्रीम में विज्ञापनों के साथ उपलब्ध है. इसका अर्थ है कि आरटी ऑस्ट्रेलिया में विज्ञापन से प्रत्यक्ष आय अर्जित कर सकता है, लेकिन यूट्यूब से कोई विज्ञापन आय नहीं. गूगल सर्च और मैप दोनों रूस में उपलब्ध हैं.
एपल गूगल से कई कदम आगे निकल चुका है. कंपनी ने रूस में सभी उत्पादों की बिक्री को निलंबित कर दिया है. एपल पे और अन्य सेवाओं को सीमित कर दिया गया है. इसने रूस के बाहर हर जगह एपल ऐप स्टोर से आरटी और स्पुतनिक को भी प्रतिबंधित कर दिया है.
मेटा ने फेसबुक और इंस्टाग्राम (जिसका स्वामित्व है) दोनों पर आरटी और स्पुतनिक तक पहुंच को हटा दिया है. अमेजन ने यूक्रेन में साइबर सुरक्षा प्रयासों का समर्थन करने और लॉजिस्टिक समर्थन की पेशकश करने का मार्ग अपनाया है. माइक्रोसाफ्ट ने साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर भी मदद की है. इसने 24 फरवरी को यूक्रेन में एक संभावित रूसी साइबर हमले की पहचान की, जिससे इसे विफल करने के प्रयासों में मदद मिली.