(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एस-400 करार पर भारत-रूस लगाएंगे मुहर, दुश्मन की टूटेगी कमर
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस महीने 4-5 अक्टूबर को भारत दौरे पर आएंगे. रूसी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सालाना द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए भारत आ रहे हैं. इसी दौरान एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए पांच अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये जाएंगे.
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की मौजूदगी में भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए इस सप्ताह पांच अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये जाएंगे. पुतिन की भारत यात्रा से पहले उनके एक सहयोगी ने मंगलवार को यह बात कही.
पुतिन के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार युरी उशाकोव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति चार अक्टूबर को भारत के लिए रवाना हो रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा की मुख्य विशेषता एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति के लिए समझौते पर दस्तखत करना होगा. करार पांच अरब डॉलर से ज्यादा का होगा.’’
मॉस्को लंबी दूरी की सतह से हवा में प्रहार करने वाली एस-400 मिसाइलों की बिक्री के लिए कई महीने से भारत से बातचीत कर रहा है. आपको बता दें कि हवाई दलों की भारी कमी से जूझ रही वायुसेना के लिए हवा में उड़ने वाली चीज़ों को मार गिराने वाली एस-400 मिसाइलें वारदान साबित हो सकती हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस महीने 4-5 अक्टूबर को भारत दौरे पर आएंगे. रूसी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सालाना द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए भारत आ रहे हैं. यह जानकारी शुक्रवार को दी गई.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 19वीं भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए आधारिक दौरे पर 4-5 अक्टूबर को नई दिल्ली के दौरे पर होंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे. वह राष्ट्रपति (रामनाथ कोविंद) से भी मुलाकात करेंगे." रूस उन देशों में शामिल है, जिसके साथ भारत की सालाना द्विपक्षीय वार्ता होती है. इससे जुड़ा दूसरा देश जापान है.
भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय संबंध को 2010 में विशेष और विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी की ऊंचाई प्रदान की गई. इसी महीने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन ऑन टेक्नीकल इकोनोमिक को-ऑपरेशन (आईआरआईजीसी-टेक) की 23वीं बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूस के दौरे पर गई थीं, जिसमें पुतिन के आगामी दौरे की तैयारी की दिशा में कार्य किया गया.
बैठक के दौरान भारत और रूस ने 2025 तक 50 अरब डॉलर का दोतरफा निवेश करने का लक्ष्य निर्धारित किया. भारत और रूस के बीच पिछले साल द्विपक्षीय सालाना शिखर वार्ता एक जून 2017 को मोदी के रूस दौरे के दौरान हुई थी.
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