Pakistan on S Jaishankar Statement: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर एक बयान दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 अपना काम कर चुका है. पाकिस्तान के साथ बातचीत का समय भी खत्म हो गया है. जयशंकर के इस बयान से पड़ोसी मुल्क में खलबली मच गई है. पाकिस्तान ने बयान जारी किया है और एक बार फिर से कश्मीरी लोगों का रहनुमा बनने की कोशिश की है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि उसने शांति की बात भी की है.


एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कहा, "मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ बिना रुकावट बातचीत का युग खत्म हो गया है. एक्शन के परिणाम होते हैं. जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, मुझे लगता है कि आर्टिकल 370 ने काम कर दिया है." उन्होंने कहा, "आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं. मैं कहना चाहूंगा कि हम लोग निष्क्रिय नहीं हैं. भले ही घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा लेती हों, किसी भी तरह से हम प्रतिक्रिया देंगे."


जम्मू-कश्मीर विवाद का समाधान शांति के लिए जरूरी: पाकिस्तान


विदेश मंत्री के इस बयान के बाद पाकिस्तान में हलचल बढ़ गई है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने रविवार (1 सितंबर) को एक बयान में कहा, "जम्मू-कश्मीर विवाद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार हल किया जाना चाहिए. इस अनसुलझे संघर्ष का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है."


एकतरफा नहीं निकलेगा कश्मीर का हल: पाकिस्तान


मुमताज जहरा बलूच ने इस धारणा को सिरे से खारिज कर दिया कि जम्मू-कश्मीर विवाद को एकतरफा सुलझाया गया है या किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "इस तरह के दावे न केवल भ्रामक हैं, बल्कि खतरनाक रूप से भ्रमित करने वाले हैं, क्योंकि वे जमीनी हकीकतों की साफ तौर पर अनदेखी करते हैं. जम्मू-कश्मीर में भारत की एकतरफा कार्रवाई इस वास्तविकता को नहीं बदल सकती है और न ही बदलेगी."


शांति का राग अलापने लगा पाकिस्तान


पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता बलोच ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान कूटनीति और बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन वह किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का जवाब देगा. उन्होंने कहा, "दक्षिण एशिया में सच्ची शांति और स्थिरता केवल यूएनएससी के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों के अधिकारों के अनुसार समझौते के माध्यम से हासिल की जा सकती है." पाकिस्तान ने कश्मीर के उचित समाधान के लिए सार्थक बातचीत में शामिल होने की गुजारिश की. 


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