डॉलर नहीं दूसरी करंसी में हो बिजनेस? पूछा गया सवाल तो बोले एस. जयशंकर- दिक्कत तो होती है पर...
एस. जयशंकर ने कहा कि भारत को अमेरिका की कुछ नीतियों के कारण अपने बिजनेस पार्टनर्स के साथ डॉलर में व्यापार करना कठिन हो जाता है, लेकिन किसी और करंसी के इस्तेमाल की बात भारत ने नहीं की है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (1 अक्टूबर, 2024) को कहा कि भारत ने कभी डॉलर को निशाना नहीं बनाया है क्योंकि यह देश की आर्थिक, राजनीति या रणनीतिक नीति का हिस्सा नहीं रहा है. एस. जयशंकर ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही है, जिसमें उनसे डॉलर रहित व्यापार के बारे में पूछा गया. इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत की ऐसी कभी कोई नीयत नहीं रही है और बिजनेस में डॉलर की जगह दूसरी करंसी के इस्तेमाल की बात हो सकता है कि किसी और ने की हो. उन्होंने कहा कि हां ये जरूर है कि भारत के कुछ पार्टनर्स को डॉलर में व्यापार करने में कठिनाई हो रही है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार एस. जयशंकर से एक टॉप थिंक टैंक के कार्निएज एंडोमेंट फार इंटरनेशनल पीस में डॉलर रहित व्यापार के बारे में सवाल पूछा गया. उनसे सवाल किया गया, 'क्या कभी दुनिया में डॉलर रहित बिजनेस की कोई संभावना है. कई बार भारत वैकल्पिक करंसी में व्यापार की इच्छा जता चुका है. आप डॉलर की भूमिका को किस प्रकार देखते हैं और अपनी राष्ट्रीय नीति के बारे में आप इन परामर्शों को कैसे देखते हैं.'
इस पर एस. जयशंकर ने कहा, 'मेरे ख्याल से आप हमें किसी और के साथ कन्फ्यूज कर रहे हैं क्योंकि हमने कभी डॉलर को निशाना नहीं बनाया है. ये हमारी राजनीकित, आर्थिक या रणनीतिक पॉलिसी का हिस्सा नहीं है. हो सकता है किसी और के लिए हो.'
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, 'मैं आपसे यही कहूंगा कि हमारी कुछ स्वभाविक चिंताएं हैं. हमारा कई ऐसे पार्टनर्स के साथ व्यापार होता है जो डॉलर नहीं लेते. तो हमारे सामने समस्या आ जाती है, ऐसे में हमें सोचना पड़ता है कि या तो हम उनके साथ बिजनेस करना छोड़ दें या फिर कोई ऐसा इंतेजाम करें जो अलग तरीके से काम करता हो. तो मैं कह सकता हूं कि हमारी डॉलर के प्रति कोई गलत मंशा नहीं है. हम अपना व्यापार करने का प्रयास कर रहे हैं.'
एस. जयशंकर ने आगे कहा कि कई बार डॉलर में बिजनेस करने में हमें दिक्कत होती है. हमारे कई ऐसे पार्टनर हैं, जिन्हें अमेरिका की कुछ नीतियों की वजह से डॉलर में व्यापार करने में दिक्कत आती है. उन्होंने कहा कि हमें इसका हल ढूंढना होगा.
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