S Jaishankar Swag In Pakistan: एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार (15 अगस्त) को पाकिस्तान पहुंच चुके हैं. बीते कई सालों में किसी भारतीय मंत्री का पाकिस्तान का ये पहला दौरा है. एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी मौजूद था. उनके स्वागत के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई. 


इस दौरान एस. जयशंकर का स्वैग देखने को मिला. जिस तरह से वो कॉन्फिडेंस के साथ चल रहे थे और काला चश्मा पहन विदेश मंत्री ने बता दिया कि वो पाकिस्तान को किस तरह से भाव देने वाले हैं. रावलपिंडी एयरबेस पर सबसे पहले वो विमान से उतरे तो बच्चों ने उनका बुके देकर स्वागत किया. फिर उन्होंने पाकिस्तान अधिकारी से हाथ मिलाया. इसके बाद चलते-चलते उन्होंने अपना रेगुलर चश्मा उतारा और ब्लैक कलर का सनग्लास पहन लिया. 






आखिरी बार भारत के किस विदेश मंत्री ने की थी पाकिस्तान की यात्रा?


बीते 9 सालों पहली बार है कि भारत का विदेश मंत्री पाकिस्तान गया हो. आखिरी बार दिवंगत नेता और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2015 में पाकिस्तान की यात्रा की थी. वो अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं. 


क्या नवाज शरीफ के साथ डिनर करेंगे एस. जयशंकर?


विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘एससीओ सीएचजी की बैठक सालाना होती है और इसमें संगठन के व्यापार तथा आर्थिक एजेंडा पर ध्यान दिया जाता है.’’ उसने कहा, ‘‘सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत एससीओ की रूपरेखा के तहत अनेक प्रणालियों एवं पहल समेत इसके प्रारूप में सक्रियता से शामिल है.’’ मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि जयशंकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित रात्रि भोज समारोह में शामिल हो सकते हैं.


शरीफ एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए उन्हें रात्रि भोज देंगे. दोनों पक्षों ने पहले ही एससीओ के शासन प्रमुखों के शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है. जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसे नई दिल्ली की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है.


उन्होंने हाल में एक समारोह में अपने संबोधन में कहा था, ‘‘भारत किसी भी पड़ोसी की तरह निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा.’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन सीमापार आतंकवाद पर ध्यान नहीं देकर और ख्याली पुलाव बनाकर ऐसा नहीं किया जा सकता.’’ वरिष्ठ मंत्री को भेजने के निर्णय को एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दर्शाने के रूप में देखा जा रहा है.


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