अहमदाबाद: विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस जयशंकर (S Jaishankar) ने सोमवार को कहा कि भारतीय मेडिकल छात्रों (Indian Medical Students) को समायोजित करने के संबंध में उनका मंत्रालय यूक्रेन (Ukraine) के पड़ोसी देशों की सरकारों के साथ बातचीत कर रहा है.  यूक्रेन पर इस साल 24 फरवरी से शुरू हुए रूसी हमले के बाद भारतीय छात्रों को देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था.  वडोदरा में पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि हंगरी की सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह अधिक से अधिक भारतीय छात्रों को समायोजित करने का प्रयास करेगी.


जयशंकर ने कहा, 'ऐसे मेडिकल छात्रों (जो युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे हैं) की मदद के लिए संबंधित विभाग द्वारा देश में किए जा रहे प्रयासों से इतर विदेश मंत्रालय यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ भी बातचीत कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ऐसे छात्रों को उनके विश्वविद्यालयों में दाखिला दिया जा सकता है?'


हंगरी में 1,250 भारतीय छात्रों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया
विदेश मंत्री ने कहा, 'हाल में भारत की यात्रा पर आए हंगरी के विदेश मंत्री ने मुझे बताया कि लगभग 1,250 भारतीय छात्रों ने उनके देश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन किया है. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि हंगरी अधिक से अधिक छात्रों को समायोजित करने का प्रयास करेगा.'


जयशंकर ने पासपोर्ट सेवा केंद्र का दौरा किया
जयशंकर ने वडोदरा में एक कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘पीएम केयर्स’ के अंतर्गत ऐसे बच्चों के लिए सहायता जारी की, जिन्होंने कोविड महामारी (COVID Pandemic) में अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो दिया है. कार्यक्रम के बाद जयशंकर ने शहर में पासपोर्ट सेवा केंद्र (Passport Seva Kendra) का दौरा किया और आवेदकों और अधिकारियों से बातचीत की.


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