S Jaishankar Visit Australia: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने ऑस्ट्रेलिया ( Australia) के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) से शनिवार (18 फरवरी) को मुलाकात की और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी, आर्थिक अवसरों, लोगों के बीच संबंध और क्रिकेट समेत कई विषयों पर चर्चा की. विदेश मंत्री जयशंकर फिजी से ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष को दिया.


विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मिलकर प्रसन्नता हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत शुभकामना संदेश उन्हें दिया. चर्चा के दौरान हमारी रणनीतिक साझेदारी की भावना दिखी. इस संबंध में हाल के घटनाक्रमों से प्रधानमंत्री अल्बनीज को अवगत कराया.


सप्लाई चेन को हासिल करने पर ध्यान 


ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने ट्वीट किया कि अगले महीने अपनी भारत यात्रा से पहले आज सुबह डॉ. एस. जयशंकर से मिलना बहुत अच्छा रहा. हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी, आर्थिक अवसरों और लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा की, जो हमारे देशों को समृद्ध करते हैं. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन और विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ भी बैठक कीं. विदेश मंत्री जयशंकर मुलाकात करने के बाद ट्वीट किया कि ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन के साथ बैठक अच्छी रही. जलवायु वित्तपोषण, क्षति व अधिक सहयोग की आवश्यकता पर चर्चा की. नए एनर्जी टेक्नोलोजी और सप्लाई चेन को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया.


सिडनी हार्बर में विदेश मंत्री वोंग से बातचीत


विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आज सिडनी हार्बर में विदेश मंत्री वोंग के साथ गर्मजोशी भरी और व्यापक चर्चा की. हिंद-प्रशांत रणनीतिक परिदृश्य, क्वाड में प्रगति, जी20 विकास और हमारे संबंधित आस-पास के क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. अपने द्विपक्षीय एजेंडे पर आगे बढ़ने का उल्लेख किया. भारतीय समुदाय को लक्षित करने वाली कट्टरपंथी गतिविधियों के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया. जल्द ही भारत में उनका स्वागत करेंगे.


सिडनी बिजनेस ब्रेकफास्ट कार्यक्रम 


इससे पहले जयशंकर ने सिडनी बिजनेस ब्रेकफास्ट कार्यक्रम में बात की, जहां उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के ग्लोबल परिदृश्य में समान विचारधारा वाले देशों को अर्थव्यवस्था को जोखिम से मुक्त करने के लिए एक साथ काम करने और डिजिटल दुनिया की चुनौतियों का सामना करने और अर्थव्यवस्था के लिए स्थिरता प्रदान करने वाले संबंधों के निर्माण की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बदलते ग्लोबल परिदृश्य में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक महत्वपूर्ण साझेदारी बन रही है और सभी हितधारकों के योगदान का स्वागत है.


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