Sheikh Hasina Daughter Saima Wazed: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा वाजिद को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में दक्षिण पूर्व एशिया की रीजनल डायरेक्टर नियुक्त किया गया. इस बात की पुष्टि मंगलवार (23 जनवरी) स्विटजरलैंड के जेनेवा में डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड ने की.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, नए क्षेत्रीय निदेशक के रूप में शपथ लेने के बाद साइमा वाजिद ने अपने भाषण में कहा, “सदस्य देशों को मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं धन्यवाद देना चाहती हूं. अभी बहुत सारा काम किया जाना बाकी है और मुझे इस समय आप सभी के साथ ये यात्रा शुरू करते हुए बेहद खुशी हो रही है. मैं उन सभी चीजों के लिए उत्साहित हूं जो आने वाले सालों में हम एक साथ कर सकते हैं और करेंगे.”
1 फरवरी से शुरू होगा कार्यकाल
साइमा वाजिद का कार्यकाल 1 फरवरी, 2024 से शुरू होगा. वह बांग्लादेश की पहली और डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया की दूसरी महिला क्षेत्रीय निदेशक हैं. इस पद के लिए 1 नवंबर, 2023 को नई दिल्ली में चुनाव हुए थे और उन्होंने नेपाल के शम्भू प्रसाद आचार्य को 6 वोटों से हरा दिया था.
तीन प्राथमिकताओं पर दिया जोर
अपनी प्राथमिकताओं पर जोर देते हुए क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, “इनमें से सबसे लंबे समय से उपेक्षित क्षेत्र मानसिक स्वास्थ्य मुख्य फोकस है. अब समय आ गया है कि मानसिक स्वास्थ्य की उन मूक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाए जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती हैं. मैं हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बीच सापेक्ष समानता सुनिश्चित करने की दिशा में काम करूंगीं.”
उन्होंने आगे कहा, “दूसरा, मैं गर्भवती महिलाओं सहित महिलाओं और बच्चों के लिए विशिष्ट हस्तक्षेप करने और इसे लागू करने के लिए की ओर देख रही हूं. इसे शिक्षा, सशक्तिकरण और रोकथाम को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा. इस क्षेत्र में हमें जो भी सफलता मिलेगी, उसका बहु-पीढ़ी पर प्रभाव और लाभ होगा जो संभावित रूप से हम सभी को प्रभावित करेगा.”
साइमा वाजिद ने तीसरी प्राथमिक टेक्नोलॉजी को बताया. उन्होंने कहा, “तीसरा है प्राद्यौगिकी का उपयोग. पिछले कुछ दशकों में हमारे जीवन में ये सार्वजनिक स्वास्थ्य के कई अलग-अलग क्षेत्रों में नवाचार की अनगिनत संभावनाओं बनाती है.”
कौन हैं साइमा वाजिद?
साइमा वाजिद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी हैं. उन्होंने ऑटिज्म और मानसिक रोगों के क्षेत्र में व्यापक काम किया है, जो श्रीलंका में जन-स्वास्थ्य नियमों में सुधार के आधार बने. इस आधार पर ही श्रीलंका में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2018 और 2020-25 के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य रणनीतिक योजना लागू की गई. उन्होंने अमेरिका के फ्लोरिडा की बैरी यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री और क्लिनिकल साइकोलॉजी से मास्टर डिग्री हासिल की.