Salman Rushdie Attacked: अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर हुए हमले के बाद उनका इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि रुश्दी के शरीर पर चाकू के हमले के कई निशान थे जिनमें से एक उनकी गर्दन के दाहिनी ओर था और वह खून से लथपथ पड़े हुए थे. अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचारपत्र न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक. रुश्दी जिस कार्यक्रम में संबोधित करने वाले थे वहां मौजूद एंडोक्रिनोलॉजिस्ट रीटा लैंडमैन ने मंच पर जाकर रुश्दी का प्राथमिक उपचार किया. 


रीटा ने कहा कि रुश्दी के शरीर पर चाकू के हमले के कई निशान थे जिनमें से एक उनकी गर्दन के दाहिनी ओर था और वह खून से लथपथ पड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि हालांकि वह उस वक्त जीवित प्रतीत हो रहे थे और सीपीआर नहीं ले रहे थे. रीटा ने कहा, ‘‘ वहां मौजूद लोग कह रहे थे कि उनकी धड़कन चल रही है.’’


मुंबई में पैदा हुए और बुकर पुरस्कार से सम्मानित 75 साल के रुश्दी वेस्ट न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अपना लेक्टर शुरू करने वाले ही थे कि तभी एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा और रुश्दी को घूंसे मारे और चाकू से उन पर हमला कर दिया. रुश्दी की गर्दन पर चोट आई है. उस समय कार्यक्रम में उनका परिचय दिया जा रहा था.


हमले के बाद रुश्दी मंच पर गिर गए और उनके हाथों में खून लगा हुआ देखा गया. वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया और बाद में उसे हिरासत में ले लिया गया. रुश्दी को मंच पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया. रुश्दी पर हुए हमले के बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रांत की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा है कि रुश्दी जीवित हैं और उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है तथा अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. 


ब्रिटिश भारतीय राइटर हैं रुशदी 


सलमान रुश्दी का पूरा नाम अहमद सलमान रुश्दी है. इनका नाम दुनिया के बहुत बड़े फिलॉसफिकर इब्न रुश्द  (Averroes) के नाम पर रखा गया है. उनका का जन्म 19 जून 1947 को एक भारतीय कश्मीरी मुस्लिम परिवार में मुंबई में हुआ था. सलमान रुश्दी के पिता का नाम अनीस अहमद रुश्दी हैं. रुश्दी बंबई में ही पले-बढ़े और उन्होंने दक्षिण बॉम्बे के किले में कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में शिक्षा प्राप्त की. भारत से इंग्लैंड जाने के के बाद वारविकशायर में रग्बी स्कूल और फिर किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज से ग्रेजुएशन किया. वह एक ब्रिटिश भारतीय राइटर हैं.


सलमान रुश्दी ने कई विवादित किताबें लिखी


साल 2,000 के बाद से सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) संयुक्त राज्य अमेरिका (US) में रहते हैं. सलमान रुश्दी ने कई विवादित किताबें लिखी. जैसे- द सैटेनिक वर्सेज ये किताब ईरान में साल 1988 से प्रतिबंधित है. कई मुसलमानों का मानना है कि रुश्दी ने इस किताब के जरिए ईशनिंदा की है. इसे लेकर ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने रुश्दी को मौत की सजा दिए जाने का फतवा जारी किया था.


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