Salman Rushdie Attack: सलमान रुश्दी की एक आंख खोने की आशंका-लिवर को भी नुकसान, जानिए मामले में अबतक क्या-क्या हुआ
Salman Rushied Attackted: सलमान रुश्दी की विवादित किताब का नाम है 'द सैटेनिक वर्सेज' जिसे लिखने के बाद सालों तक इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा था.
Salman Rushied Attackted: लेखक सलमान रुश्दी अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थक हैं. वह अपनी किताबों के जरिए खुले विचारों को दुनिया के सामने रखते हैं. सलमान रुश्दी की कई किताबें विश्व प्रसिद्ध (World Famous) है, तो कई किताबों पर बैन (Ban) लग चुका है. इन्हीं किताबों में से एक किताब जिसकी वजह से उनके जीवन को खतरे में डाल दिया. जिसकी वजह से रुश्दी पर न्यूयॉर्क (New York) में एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर एक शख्स ने चाकूओं से हमला किया. अब सवाल ये है कि आखिर कौन सी किताब है जिसकी वजह से उन पर ईनाम घोषित किया गया.
दरअसल, सलमान रुश्दी की विवादित किताब का नाम है 'द सैटेनिक वर्सेज' जिसे लिखने के बाद सालों तक इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा था. इसी किताब की वजह से हादी मतार नाम शख्स ने अमेरिका के पश्चिमी न्यूयॉर्क राज्य में एक कार्यक्रम में चाकू मार दिया था. जिसमें वह गंभीर रुप से जख्मी हो गए हैं. इस हमले में उनके लीवर में गंभीर चोट लगीं हैं और उनकी एक आंख की रोशनी भी जाने का खतरा है. वहीं, सलमान रुश्दी पर हुए हमले की दुनिया भर की जानी मानी हस्तियों ने निंदा की. तो चलिए जानते हैं उन पर हुए हमलों को लेकर 10 बड़ी बातें.
- मुंबई (तब की बंबई) में जन्मे सलमान रुश्दी को उनके जीवन और लेखन को परिभाषित करने वाली जिस अनूठी विशेषता की वजह से सराहा जाता है, उसी की वजह से उनके कई आलोचक हैं और वह विशेषता है-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थक होना.
- बुकर पुरस्कार पाने के बाद दुनियाभर के दिग्गज साहित्यकारों में शुमार हुए लेखक सलमान रुश्दी को उनकी एक किताब की वजह से ईरान के सर्वोच्च नेता की तरफ से जारी फतवे के चलते सालों मौत के डर के साये में जीने और छुपकर रहने को मजबूर होना पड़ा. उसी का नतीजा है कि उन पर जानलेवा हमला हुआ. फतवा जारी होने के बाद सलमान रुश्दी 9 साल ब्रिटिश पुलिस की एक कड़ी सुरक्षा वाले घर में रहे.
- दरअसल, सलमान रुश्दी की किताब द सैटेनिक वर्सेज ईरान में साल 1988 से प्रतिबंधित है. कई मुसलमानों का मानना है कि रुश्दी ने इस किताब के जरिए ईशनिंदा की है. ईरान ने सलमान रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख डॉलर से अधिक का ईनाम देने की भी घोषणा की थी. बता दें कि ये उपन्यास भी बुकर पुरस्कार के लिए चयनित किये गए उपन्यासों की लास्ट लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहा था.
- रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी होने से पहले ही ये किताब कई देशों में प्रतिबंधित कर दी गई थी. इन देशों में उनकी जन्मभूमि भारत भी शामिल था. भारत में एक दशक से अधिक समय तक उनके प्रवेश पर प्रतिबंध रहा. इस प्रतिबंध को 11 साल बाद 1999 में हटा दिया गया था. इसके अलावा बांग्लादेश और श्रीलंका ने भी किताब पर प्रतिबंध लगाया दिया था.
- सलमान रुश्दी वेंटिलेटर पर हैं, उनका लिवर क्षतिग्रस्त हो गया है और उनके एक आंख खोने की आशंका है. खून से लथपथ रुश्दी को पश्चिम न्यूयॉर्क स्थित आयोजन स्थल से हवाई मार्ग से उत्तर पश्चिमी पेन्सिल्वेनिया के एक अस्पताल ले जाये जाने के बाद उनके एजेंट एंड्रयू वायली ने कहा, खबर अच्छी नहीं है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में कई घंटे तक उनकी सर्जरी हुई.
- न्यूयॉर्क राज्य पुलिस ने कहा, आपराधिक जांच ब्यूरो ने 12 अगस्त को मतार को हत्या का प्रयास और हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया. पुलिस मतार को ऑफिस ले जाने के बाद चौटाउक्वा काउंटी जेल भेजा दिया है. वहीं, दुनियाभर में साहित्य बिरादरी इस घटना से स्तब्ध है और सभी इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है.
- रुश्दी पर हमले की संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और ब्रिटेन के निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समेत दुनिया भर के नेताओं ने निंदा की है.
- जाने-माने लेखक-गीतकार अख्तर ने कहा, उन्हें आशा है कि हमलावर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अख्तर ने ट्वीट किया, मैं कुछ कट्टरपंथियों की तरफ से सलमान रुश्दी पर बर्बर हमले की निंदा करता हूं. मुझे उम्मीद है कि न्यूयॉर्क पुलिस और कोर्ट हमलावर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी.
- अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर हमले के बारे में एक खबर शेयर करते हुए कंगना रनौत ने कहा, वह हैरान हैं. अदाकारा ने लिखा, एक और दिन, जेहादियों की तरफ से एक और भयावह कृत्य. द सैटेनिक वर्सेज अपने समय की सबसे बड़ी किताबों में से एक है... मैं हिल गयी हूं...
- सलमान रुश्दी पर हुए हमले पर भारत सरकार की तरफ से बयान आया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'मैंने इसके बारे में पढ़ा है. ये घटना ऐसी है कि पूरी दुनिया ने इस पर ध्यान केंद्रित किया है. इस तरह के हमले पर पूरी दुनिया ने प्रतिक्रिया दी है.
- वहीं, सलमान रुश्दी के हमलावर की ईरान में समाचार पत्रों ने जमकर तारीफ किया है. काहान अखबार के एडिटर इन चीफ ने लिखा- न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले बहादुर शख्स को एक हजार बार सलाम. वहीं, ईरान न्यूज वेबसाइट ने कहा, जो तीर छोड़ा है, वह एक दिन अपने लक्ष्य से जरूर टकराएगा. खोरासान अखबार ने हेडलाइन दी- नरक के रास्ते जाने पर शैतान.
न्ययॉर्क में सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला
12 अगस्त दिन शुक्रवार (Friday) को अमेरिका (US) के न्यूयॉर्क शहर (New York City) में एक कार्यक्रम के दौरान मतार (Matar) नाम के शख्स ने सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर जानलेवा हमला कर दिया. हमलावर ने सलमान रुश्दी पर चाकूओं (Stabed) से कई वार किए. साथ ही घूंसे से भी उनको मारा. न्यूयॉर्क राज्य पुलिस (New York Police) के मेजर यूजीन स्टैनिसजेवस्की ने मीडिया को बताया कि हमलावार न्यूजर्सी का रहने वाला है. फिलहाल, पुलिस इस हमले के पीछे की मंशा का पता लगाने के लिए एफबीआई (FBI) और स्थानीय अधिकारियों के साथ काम कर रही है.
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