सामिया सुलुहू हसन (61) ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. उन्होंने देश के सबसे बड़े शहर दारेस्लाम में स्टेट हाउस के सरकारी कार्यालय में राष्ट्रपति पद की शपथ ली. हिजाब पहनकर और अपने दाएं हाथ में कुरान पकड़ते हुए हसन ने पद की शपथ ली. उन्हें मुख्य न्यायाधीश इब्राहिम जुमावोइंग ने शपथ दिलाई, जिसमें उन्होंने पूर्वी अफ्रीकी देश के संविधान को बरकरार रखने का संकल्प लिया. तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति अली हसन मिन्यी, जकाया किकवेते और आबिद करुमे तथा मंत्रिमंडल के सदस्य भी इस मौके पर मौजूद रहे.


शपथ लेने के बाद हसन ने सैन्य परेड का निरीक्षण किया. हसन ने शपथ लेने से दो दिन पहले तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन मगुफुली के निधन की घोषणा की थी. मगुफुली को दो हफ्ते से अधिक समय से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया था. मगुफुली ने तंजानिया में कोविड-19 फैलने की बात को खारिज करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय प्रार्थना ने इस बीमारी का देश से खात्मा कर दिया है. हालांकि, अपने निधन से कुछ हफ्तों पहले उन्होंने माना था कि यह संक्रामक रोग देश में एक खतरा है.


ऐसा बताया गया कि मगुफुली का हृदय गति रुकने के कारण निधन हुआ लेकिन निर्वासित विपक्षी नेता टुंडु लिस्सू ने कहा कि राष्ट्रपति की मौत कोविड-19 के कारण हुई. राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले जन संबोधन में हसन ने मगुफुली के लिए 21 दिनों की शोक की घोषणा की और 22 मार्च तथा 25 मार्च को सार्वजनिक अवकाश का एलान किया, जब दिवंगत राष्ट्रपति को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.


हसन ने कहा, ‘‘मेरे लिए आपसे बात करना सही नहीं है क्योंकि मेरे दिल में दर्द है. आज मैंने उन सभी शपथ से अलग शपथ ली है, जो मैंने अपने करियर में ली. वे शपथ खुशी में ली गई थी. आज मैंने शोकाकुल होकर देश के सर्वोच्च पद की शपथ ली है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह वक्त एक साथ खड़े और एक-दूसरे से जुड़ने का है। यह वक्त अपने मतभेदों को खत्म करने, एक-दूसरे के प्रति प्यार दिखाने और विश्वास के साथ आगे बढ़ने का है. यह एक-दूसरे पर उंगली उठाने का समय नहीं है, बल्कि नया तंजानिया बनाने के लिए हाथ थामकर आगे बढ़ने का है.’’


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