Pakistan Two Parts: बांग्लादेश में तख्तापलट के बीच पाकिस्तान के फिर दो टुकड़े होने की बात क्यों कही जा रही
Pakistan Two Parts: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन और शेख हसीना के इस्तीफे के बीच पाकिस्तान के दो टुकड़ों में बंटने की बात चल रही है. पढ़ें पाकिस्तान के लोगों ने क्या कहा?
Pakistan Two Parts: पाकिस्तान और बंग्लादेश के बीच साल 1971 में हुई जंग के बाद पाकिस्तान दो भांगों में बंट गया था. सोमवार को ही बांग्लादेश में एक बार फिर तख्तापलट हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने पीएम हसीना के आवास को घेर लिया, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देकर देश से भागना पड़ा. अब एक बार फिर पाकिस्तान के टुकड़े होने की बात कही जा रही है. इस मसले को लेकर पाकिस्तान की यूट्यूबर सेना अमजद ने पाकिस्तान के लोगों से बात की है.
सना अमजद ने बताया कि पाकिस्तान में सिविल वार शुरू हो गया है. हमारे स्टेट में तरह-तरह के बवाल चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में पाराचिनार, बलूचिस्तान और ग्वादर में हुई घटनाओं के बाद लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान एक बार फिर दो हिस्सों में बंटने वाला है. इसपर पाकिस्तान के एक युवक ने कहा कि साल 1971 में पाकिस्तान और बांग्लादेश का बंटवारा अलग था. अभी पाकिस्तान में कुछ नहीं होने जा रहा, क्योंकि बांग्लादेश जाने के लिए पाकिस्तान को समुद्र के रास्ते जाना पड़ता था. ऐसे में हमारे दुश्मनों ने इसका फायदा उठाया और देश दो हिस्सों में बंट गया.
पाकिस्तानी शख्स ने भारत पर लगाया साजिश का आरोप
युवक ने कहा कि यह एक ऐसा वक्त है, जब सभी मुसलमानों को एकजुट होना चाहिए और अपने दुश्मनों से लड़ना चाहिए. युवक ने कहा कि ऐसा ही अफगानिस्तान में हो चुका है. वैसा ही पाकिस्तान में होने की जरूरत है. वहीं एक अन्य शख्स ने कहा कि पाराचिनार की घटना जरूर बड़ी थी, लेकिन अब ठीक है. पाकिस्तान कभी भी दो हिस्सों में बंटने वाला नहीं है. भारत बेवजह पाकिस्तान पर आरोप लगाता रहता है, जबकि भारत और अफगानिस्तान खुद पाकिस्तान में हिंसा फैला रहे हैं. युवक ने कहा कि भारत हमेशा से पाकिस्तान को तोड़ने की फिराक में रहा है.
पाकिस्तान के प्रदेशों में क्या चल रहा?
दरअसल, पाकिस्तान के पंजाब को छोड़ दें तो लगभग सभी राज्यों की स्थिति ठीक नहीं है. पीओके के लोग हमेशा से आजादी की मांग करते रहे हैं. कुछ महीने पहले सब्सिडी की मांग को लेकर पीओके में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. वहीं हाल में ग्वादर में लोग इकट्ठा हुए थे. इनकी कई तरह की मांगे हैं. बलूचिस्तान के लोग भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं. खैबरपख्तूनख्वा से भी इसी तरह आवाज सामने आती रहती है. इस तरह से देखा जाए तो आर्थिक कंगाली के साथ ही पाकिस्तान के स्टेट टूटने की कगार पर हैं.
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