Saudi Arab Execution: सऊदी अरब में 2009 के बाद रमजान के महीने में हुआ कुछ ऐसा, पूरी दुनिया में हो रही चर्चा
Saudi Arab Execution: यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन (ESOHR) ने कहा कि सऊदी अरब में साल 2009 से पवित्र महीने के दौरान किसी भी तरह की सजा लागू नहीं की गई है.
Saudi Arab Execution In Ramadan: सऊदी अरब ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक व्यक्ति को फांसी दे दी. गार्जियन ने एक अधिकार समूह का हवाला देते हुए फांसी के बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि ये एक अलग तरह का मामला था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फांसी 28 मार्च यानी रमजान के पांचवें दिन दी गई. सऊदी नागरिक जिसे हत्या का दोषी ठहराया गया था, उसको मुसलमानों की दूसरी सबसे पवित्र जगह मदीना में फांसी दी गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी आदमी ने एक पीड़ित को चाकू मार दिया था और आग लगा दी थी. यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन (ESOHR) ने सऊदी आंतरिक मंत्रालय की मृत्युदंड के आंकड़ों का हवाला देते हुए एक बयान में कहा कि सऊदी अरब ने रमजान के दौरान एक नागरिक को मार डाला.
इस साल 2023 में 17 लोगों को फांसी
यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन (ESOHR) ने कहा कि सऊदी अरब में साल 2009 से पवित्र महीने के दौरान किसी भी तरह की सजा लागू नहीं की गई है. समूह ने कहा कि सऊदी अरब में फांसी की दर दुनिया की सबसे ऊंची दरों में से एक है और इस नए मामले के साथ साल 2023 में फांसी की संख्या बढ़कर 17 हो गई. समाचार एजेंसी एएफपी ने पहले बताया था कि 2022 में सऊदी अरब ने 147 लोगों को मौत की सजा दी, जो 2021 के 69 के आंकड़े से दोगुना है.
सऊदी अरब में मौत की सजा से छुटकारा मिल गया
रेप्रीव और यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन (ESOHR) के ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 2015 में देश के वास्तविक शासक के रूप में सत्ता संभालने के बाद से 1,000 से अधिक मौत की सजा दी गई है. हालांकि मार्च 2022 में क्राउन प्रिंस ने द अटलांटिक पत्रिका को एक इंटरव्यू देते हुए कहा था कि सऊदी अरब में मौत की सजा से छुटकारा मिल गया है. यह केवल हत्या के मामलों पर लागू होता है या जब कोई कई लोगों के जीवन को खतरे में डालता है या कोशिश करता है.