Saudi Arab: इस वक्त पाकिस्तान ( Pakistan) बहुत ही खराब आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. पाकिस्तान को हाल ही में उसके सबसे अच्छे दोस्तों में शामिल सऊदी अरब (Saudi Arab) ने अरबों डॉलर की मदद का ऐलान किया है. इसके बाद अब सऊदी अरब ने स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2023 में कहा कि अब से वो किसी भी देश को बिनी किसी शर्त के लोन नहीं देगा. शायद इस बात को सुनने के बाद पाकिस्तान को झटका लगने वाला है. 


सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जादान ने बुधवार (18 जनवरी) को कहा कि देश की इकॉनमी को मजबूत करने को लेकर हम ये कदम उठाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम देश के आर्थिक क्षेत्रों को देखते हुए ये फैसला ले रहे हैं. सऊदी अरब की तरफ से प़ॉलिसी में किए गए बदलाव को बड़े रूप में देखा जा रहा है. 


सऊदी अरब की पहचान खाड़ी देशों में मजबूत


इससे पहले सऊदी अरब बिना किसी शर्त के किसी भी देश को डायरेक्ट लोन दिया करता था. सऊदी अरब अब किसी भी देश को लोन तभी देगा, जब लोन लेने वाला देश पैसों को खुद की आर्थिक हालत सुधारने में खर्च करेगा. सऊदी अरब के वित्तमंत्री ने कहा कि हम कई फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हमें लोन देने के मामले में सुधार लाने की जरूरत है.


बता दें कि सऊदी अरब की पहचान खाड़ी देशों में एक मजबूत सुन्नी मुस्लिम देश के रूप में है. ये दुनिया का सबसे बड़े तेल एक्सपोर्ट है. वह हमेशा से अपने पड़ोसी देशों की मदद करता आया है. सऊदी अरब जिन देशों को सबसे ज्यादा मदद पहुंचता है, उनमें मिस्त्र, बहरीन और पाकिस्तान शामिल हैं. 


पाकिस्तान के ऊपर 100 अरब डॉलर का लोन


हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा था कि इस वक्त पाकिस्तान के ऊपर 100 अरब डॉलर का लोन है. इस फाइनेंशियल ईयर में 21 अरब डॉलर चुकाने हैं. वहीं अगले तीन सालों तक लगभग 70 अरब डॉलर का लोन देश को चुकाना है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार चार अरब डॉलर रह गया है. इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हर पड़ोसी देश से कर्ज मांगते चल रहे हैं. हालांकि सऊदी अरब के लोन देने वाले पॉलिसी में बदलाव को सबूत के तौर पर देखा जा रहा है कि वो खुद के पुराने पॉलिसी से एग्री नहीं था. 


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