सऊदी अरब में छह ईरानी नागरिकों को दी गई फांसी, ड्रग्स की तस्करी में कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा
निचली कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आरोपी सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा. इसके बाद शाही आदेश पर इन सभी को फांसी दी गई.
Saudi Arabia Executed 6 Iranians: सऊदी अरब में छह ईरानी नागरिकों को फांसी दी गई है. सऊदी की प्रेस एजेंसी ने साल 2025 के पहले दिन बुधवार (1 जनवरी, 2025) को इसकी जानकारी साझा की है. बता दें कि इन सभी ईरानी नागरिकों पर सऊदी अरब में हशीश ड्रग्स की तस्करी का आरोप था, जिस पर सऊदी की कोर्ट ने इन्हें मौत की सजा सुनाई थी. जिसके बाद इन सभी आरोपियों को सऊदी अरब के पूर्वी प्रांत में इन्हें फांसी दी गई.
मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर हैं मोहम्मद बिन सलमान
सऊदी अरब में हाल के वर्षों में मौत की सजा में काफी तेजी आई है. इसके लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर हैं. मानवाधिकार संगठनों पर सऊदी अरब में मृत्युदंड में अभूतपूर्व वृद्धि का आरोप लगाया है.
सऊदी मीडिया के मुताबिक, सऊदी के अधिकारियों ने ईरान के इन नागरिकों को हशीश ड्रग्स की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया था. इसके बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया गया. सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर इन्हें कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई. निचली कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आरोपी सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा. इसके बाद शाही आदेश पर इन सभी को फांसी दी गई.
ड्रग्स के मामले में बेहद सख्त है सऊदी सरकार
सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने इस मामले को लेकर अपने बयान में कहा, “सऊदी सरकार अपने नागरिकों और निवासियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. ड्रग्स देश के सामने एक बड़ी समस्या है और हम ड्रग्स के खतरे से अपने लोगों को बचाएंगे. साथ ही हम ड्रग्स के तस्करों को भी नहीं बख्शेंगे. तस्करों और डीलरों को कानून के हिसाब से ही कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.”
एक साल में 100 से ज्यादा लोगों को दी फांसी
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब में ड्रग्स की तस्करी पर मौत की सजा का प्रावधान है. बता दें कि सऊदी अरब में पिछले एक साल में यानी साल 2024 में 100 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई है. यह सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार हुआ है कि एक वर्ष में 100 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी गई है. हैरानी की बात ये है कि 2024 का ये आंकड़ा बीते दो सालों के मुकाबले करीब तीन गुना है.
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