Israel and Saudi Arabia Relation: अमेरिका सऊदी अरब और इजराइल के बीच दोस्ती के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. एक बार फिर अमेरिका ने दोनों को नजदीक लाने के लिए बड़ा प्रयास किया है. उसने सऊदी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान को ऑफर दिया है कि अगर सऊदी अरब इजरायल के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करेगा तो वह रियाद के साथ जापान और दक्षिण कोरिया जैसा सैन्‍य समझौता करेगा.


न्‍यूयार्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, यूएस और सऊदी के अफसर इस संबंध में समझौते की शर्तों पर बातचीत कर रहे हैं. इस समझौते के तहत अगर कोई सऊदी अरब क्षेत्र या उसके आसपास के दूसरे देश पर हमला करता है तो अमेरिका उसे सैन्य सहायता देगा.


जो बाइडेन ने जताई अपनी प्रतिबद्धता


बता दें कि इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनिया के कई देशों के नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के लिए न्यूयॉर्क में हैं. इस दौरान बाइडेन ने अपने भाषण में कहा कि, अमेरिका इज़राइल और अरब दुनिया के बीच सामान्यीकरण की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. एक दिन पहले वॉशिंगटन ने पुष्टि की थी कि इज़राइल-सऊदी के बीच हालात सामान्य करने के लिए बातचीत जारी है.


अमेरिका में ही हो सकता है इसका विरोध


बेशक अमेरिका ने सऊदी अरब को यह ऑफर दे दिया है, लेकिन इसे अंतिम रूप देना इतना आसान नहीं होगा. अमेरिकी संसद में इसका विरोध हो सकता है. दरअसल, कुछ अमेरिकी सांसद मानते हैं कि सऊदी अरब पार्टनर के रूप में भरोसे के लायक नहीं है. वह अमेरिकी हितों की ज्यादा परवाह नहीं करता है. वहीं मेरिका ने यह ऑफर इसलिए दिया है ताकि सऊदी अरब और इजरायल के बीच दोस्ती हो सके. सऊदी अरब ने अभी तक इजरायल को मान्यता नहीं दी है.


फिर बढ़ गया था दोनों के बीच तनाव


हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. दरअसल, सऊदी अरब ने अपने नक्शे से इजराइल को हटा दिया था. उसकी जगह उसने फिलिस्तीन को दिखाया है. सऊदी अरब के जनरल अथॉरिटी फॉर सर्वे एंड जियोस्पेशियल इन्फॉर्मेशन ने यह मैप जारी किया था और मीडिया से इसी मैप का उपयोग करने का अनुरोध किया था. इसके बाद माना जा रहा था कि दोनों के रिश्ते फिर से पटरी से उतर सकते हैं. हालांकि अमेरिका ने कहा था कि वह जल्द दोनों देशों के बीच बड़ा समझौता कराएगा.


इसलिए बातचीत के लिए तैयार हैं दोनों


कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों सऊदी अरब अमेरिका की मध्यस्थता में इजराइल को मान्यता देने के लिए तैयार हो गया था. इसके बदले में सऊदी अरब ने अमेरिका में बने अत्याधुनिक हथियारों और नागरिक परमाणु कार्यक्रम पर आगे बढ़ने की गारंटी बाइडेन सरकार से मांगी थी. इसके अलावा घरेलू यूरेनियम संवर्धन की शर्त भी इसमें थी. वहीं, इजराइल इसलिए तैयार है क्योंकि इस समझौते में उसे इस खाड़ी देश के साथ व्यापार और रक्षा सहयोग में काफी ज्यादा लाभ होगा.


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