Saudi Syria Relations: ईरान के बाद अब इस इस्लामिक मुल्क से रिश्ते बनाएगा सऊदी अरब, ईद निकलते ही खुल सकती हैं ऐंबैसी
Saudi Arabia Syria News: सऊदी अरब और सीरिया के राजयनिक संबंध फिर बहाल हो सकते हैं. दोनों के रिश्ते 11 साल पहले टूट गए थे, सऊदी हुकूमत ने हाल में जैसे ईरान से हाथ मिलाया, वैसे ही असद से मिला सकती है.
Saudi Syria Relations: दुनिया के दो बड़े इस्लामिक मुल्क ईरान और सऊदी अरब (Saudi Arabia) अपनी बरसों की दुश्मनी को भुलाकर अपने राजनयिक रिश्तों को बहाल कर रहे हैं. दोनों एक-दूजे के यहां जल्द एंबैसी खोलेंगे. ईरान (Iran) की तरह ही सऊदी अब सीरिया (Syria) से रिश्तों को सुधारेगा. इन दोनों देशों के बीच भी ईद के बाद ऐंबैसी खुल सकती हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी और सीरिया के बीच कूटनीतिक संबंध जल्द ही बहाल हो सकते हैं. कहने को तो दोनों इस्लामिक मुल्क हैं, लेकिन इनके बीच भी कड़वाहट काफी बढ़ गई थी, दोनों के राजनयिक रिश्ते 11 साल पहले टूट गए थे. अब न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ईरान और सऊदी के बीच रिश्ते सुधरने के बाद सीरिया ने भी ऐसा करने का फैसला किया है. अगर सीरिया और सऊदी के राजनयिक रिश्ते बहाल हुए तो सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद और उनके मुल्क की 22 अरब देशों के ग्रुप यानी अरब लीग में वापसी भी सकती है.
अरब लीग में हो सकती है असद की वापसी
गल्फ डिप्लोमैट ने बताया कि सीरिया और सऊदी के संबंध बहाली से जुड़ा फैसला सऊदी अरब और एक सीरियन इंटेलिजेंस ऑफिसर के बीच कई दौर की बातचीत के बाद लिया गया. अब माना जा रहा है कि अगले महीने यानी कि अप्रैल में ईद के बाद इन दोनों देशों की एक-दूजे के यहां ऐंबैसी खुल सकती हैं. बीते दिनों सीरिया के राष्ट्रपति असद और उनकी पत्नी सीरियन डेलिगेशन के साथ 19 मार्च को UAE पहुंचे थे. उसके बाद से मीडिया में कई अटकलें लगाई जा रही थीं.
ईरान और सऊदी के रिश्ते 7 साल बाद हो रहे बहाल
सऊदी सरकार ने पिछले दिनों ईरान से राजनयिक रिश्ते बहाल करने की दिशा में कदम उठाया था. इन दोनों देशों के प्रतिनिधियों की चीन में बैठक हुई थी, जिसके बाद वे एक-दूजे के यहां अपने दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमत हुए. दोनों ने लगभग 7 साल पहले अपने राजयनिक संबंध तोड़ लिए थे, और तनाव इतना बढ़ गया था कि अरब प्रायद्वीप में युद्ध के बादल मंडराने लगे थे. सऊदी अरब में अमेरिका पहले से पैर पैसारे हुए था, इसलिए 2017 में ईरान की तरफ से खतरे को देखते हुए अमेरिकी फौज यहां तैनात कर दी गई थी. हालांकि अभी अमेरिका को भी ईरान और सऊदी के बीच चल रही सुलह की बातचीत की भनक नहीं लगी.
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