रियाद: सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को कतर के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए हैं. इन देशों ने कतर पर आतंकवाद को सहयोग देने और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए संबंध तोड़े हैं.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सऊदी अरब ने कतर के साथ जमीन, वायु और समुद्री संपर्क भी समाप्त कर दिए हैं. वहीं, कहा जा रहा है कि बहरीन ने खाड़ी के राष्ट्रों के बीच बढ़ते विवादों के मद्देनजर कतर के साथ अपने राजनयिक रिश्ते खत्म करने की घोषणा की है.
बहरीन के विदेश मंत्रालय ने आज सुबह जारी बयान में कहा कि वह कतर की राजधानही दोहा से अपना राजनयिक मिशन 48 घंटे में हटा रहा है. वहीं बहरीन से कतर के सभी राजनयिक भी इस अवधि में बहरीन से चले जाएंगे.
बयान में कहा गया है कि कतर के नागरिकों को बहरीन को दो सप्ताह में छोड़ना होगा. दोनों देशों के बीच वायु और समुद्री यातायात बंद हो जाएगा. अभी यह तत्काल पता नहीं चल पाया है कि इससे कतर एयरवेज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जो क्षेत्र की प्रमुख लंबी दूरी की एयरलाइन है.
सउदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कहा है कि कतर अल कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह सहित संगठनों को समर्थन करता है. दोहा लंबे वक्त से इस इल्जाम का सामना कर रहा है कि वह सरकार प्रायोजित आतंकवाद फैलाता है.
इस पर कुछ तबकों ने आरोप लगाया है कि दोहा सीरियाई राष्ट्रपति बश्र अल असद से लड़ने वाले बागी समूहों का समर्थन करने को लेकर आलोचनाओं का सामना करता है और अमेरिका के वित्त विभाग ने आतंकवाद को वित्त पोषण करने के लिए कतर के नागरिकों पर पाबंदी लगाई हुई है. हाल के हफ्तों में अमेरिकी मीडिया में छपे लेखों पर कतर पर आतंकवाद के वित्तपोषण का आरोप लगा था.
हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मेशाल को शरण देने को लेकर भी कतर की आलोचना की गई थी. उन्होंने इस महीने के शुरू में अपने दोहा के ठिकाने से एक नया नीति दस्तावेज जारी किया था. वह दोहा में कई सालों से निर्वसान में रह रहे हैं.
अफगान तालिबान ने वर्ष 2013 में दोहा में अपना दफ्तर खोला था. कतर साल 2022 में फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा और वह इस्लामिक स्टेट समूह को शिकस्त देने के लिए अमेरिकी नीत गठबंधन का सदस्य है. देश में अल उदीद वायु सेना अड्डा है जहां से अमेरिका क्षेत्र में सभी हवाई परिचालन करता है.