Saudi Arabia: इतिहासकारों और पुरातत्वविदों की मेहनत लाई रंग, 2 हजार साल पहले रहने वाली महिला के चेहरे को किया तैयार- सऊदी अरब में प्रदर्शन
Nabataean Woman Face Reconstructed: विशेषज्ञों की टीम ने प्राचीन डेटा (Ancient Data) का उपयोग करके महिला के चेहरे (Face) को तराशने के लिए 3D प्रिंटर का इस्तेमाल किया.
Saudi Arabia Unveiled Ancient Woman Face: प्राचीन सभ्यता का हिस्सा रहीं एक महिला के चेहरे को फिर से तैयार करने में सफलता मिली है. सऊदी अरब (Saudi Arabia) में इतिहासकारों (Historians) और पुरातत्वविदों (Archeologists) की मदद से एक्सपर्ट ने 2 हजार साल पहले रहने वाली एक नबाटियन महिला के चेहरे को तैयार किया है. द नेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब में अब इस प्राचीन महिला के चेहरे को प्रदर्शित किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि नबाटियन (Nabataean) एक प्राचीन सभ्यता (Ancient Civilisation) का हिस्सा थे. इनका अरब प्रायद्वीप के क्षेत्रों में निवास था.
प्राचीन महिला के चेहरे का प्रदर्शन
द नेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब ने 2,000 से अधिक साल पहले रहने वाली एक नबाटियन महिला के फिर से बनाए गए चेहरे का अनावरण किया है. इतिहासकारों और पुरातत्वविदों की ओर से कई सालों तक इस पर काम किया गया, जिसके बाद वैज्ञानिकों ने महिला के चेहरे को तैयार किया और अब ये जनता के सामने प्रदर्शन के लिए रखा गया है.
हिनाट के अवशेषों पर आधारित
नबाटियन (Nabataean) एक प्राचीन सभ्यता का हिस्सा माने जाते हैं. इनका अरब प्रायद्वीप में निवास था. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रा का प्राचीन जॉर्डन शहर राज्य की राजधानी थी. प्राचीन महिला का फिर से बनाया गया चेहरा हिनाट के अवशेषों पर आधारित है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हेगरा में एक मकबरे में खोजा गया था. द नेशनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिनाट के साथ 69 अन्य लोगों के अवशेष मकबरे में पाए गए.
कैसे तैयार किया गया महिला का चेहरा?
सीएनएन की रिपोर्ट में परियोजना को लेकर कहा गया कि विशेषज्ञों की टीम ने प्राचीन डेटा का उपयोग करके उसकी एक छवि बनाने के लिए मकबरे में पाए गए हड्डी के टुकड़ों को फिर से बनाया. इसके बाद महिला के चेहरे को तराशने के लिए 3डी प्रिंटर का इस्तेमाल किया गया. जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिक इनपुट को कलात्मक स्वभाव के साथ मिलाने के बाद महिला के चेहरे के जटिल निर्माण की प्रक्रिया पूरी की गई.
यूके (UK) स्थित इस परियोजना को रॉयल कमीशन फॉर अलऊला (Royal Commission for AlUla) की ओर से वित्तीय मदद मिली थी. परियोजना के निदेशक और पुरातत्वविद लैला नेहमे ने नेशनल ज्योग्राफिक को बताया कि नबाटियन एक रहस्य की तरह हैं क्योंकि उन्होंने कोई साहित्यिक ग्रंथ या रिकॉर्ड नहीं छोड़ा.
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