नई दिल्ली: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने एक इंटरव्यू में चेतावनी दी है कि अगर ईरान को रोकने के लिए विश्व एक साथ नहीं आता है तो तेल की कीमतें अकल्पनीय रूप से महंगी हो सकती हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वह एक सैन्य समाधान की बजाय राजनीतिक समाधान पसंद करेंगे. मोहम्मद बिन सलमान ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने लगभग एक साल पहले सऊदी संचालकों द्वारा पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने देश के नेता के रूप में पूरी जिम्मेदारी लेते हैं.


सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा, "अगर दुनिया ईरान को रोकने के लिए एक मजबूत और दृढ़ कार्रवाई नहीं करती है, तो हम आगे बढ़ेंगे, जिससे विश्व हितों को खतरा होगा.'' उन्होंने कहा, "तेल की आपूर्ति बाधित हो जाएगी और तेल की कीमतें अकल्पनीय रूप से हाई हो जाएंगी जो हमने अपने जीवन काल में नहीं देखी हैं."


क्राउन प्रिंस ने कहा कि ''14 सितंबर को दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम प्रसंस्करण सुविधा को नुकसान पहुंचाकर ईरान ने वैश्विक तेल की 5% आपूर्ति प्रभावित की थी. ईरान की तरफ से यह युद्ध छेड़ने का कार्य था.'' लेकिन उन्होंने कहा कि ''मैंने एक शांतिपूर्ण प्रस्ताव को प्राथमिकता दी क्योंकि सऊदी अरब और ईरान के बीच युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर देगा.''


बता दें कि कुछ दिन पहले ही सऊदी अरब में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी अरामको के दो संयंत्रों में पर ड्रोन से हमला किया गया था. यमन के विद्रोहियों की तरफ से यह हमला ऐसे समय में किया गया था जब यह कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने को लेकर तैयारी कर रही थी. इस हमले के बाद आधे से ज्यादा तेल उत्पादन प्रभावित हुआ था. इन हमलों से पता चलता है कि ईरान से जुड़े विद्रोही सऊदी अरब में तेल प्रतिष्ठानों के लिए कैसे गंभीर खतरा बन गए हैं. मालूम हो कि सऊदी अरब दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा निर्यातक है.


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