Saudi Queer Sisters Found Dead In Sydney: अपने ही लोगों और अपने ही वतन में जब आप डर के साए में रहते हैं. पल-पल आपको अपनी जान की सलामती की फिक्र सताती रहती है तो आप क्या करेंगे... ऐसे में आप भी सऊदी अरब (Saudi Arabia) की दो बहनों असरा अब्दुल्ला अलसेहली (Abdullah Alsehli) और अमाल अब्दुल्ला अलसेहली (Amaal Abdullah Alsehli) की तरह कहीं दूर जाने की ही सोचेंगे न, केवल और केवल इन बहनों से खुल के आजादी की हवा में सांस लेने का हक इसलिए छीन लिया गया, क्योंकि वह दूसरे लोगों से अलग थी.


वह समलैंगिक (Queer) थीं. मगर किस्मत की मारी दो बहनों को क्या पता था कि बदकिस्मती इनका पीछा दूसरे वतन ऑस्ट्रेलिया (Australia) में भी नहीं छोड़ेगी. अपने देश से भागकर खुली हवा में सांस लेने की चाह लिए सिडनी (Sydney) आईं थी. ये बहनें सिडनी में अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गईं. आगे की कहानी न्यू साउथ वेल्स- एनएसडब्ल्यू (New South Wales-NSW) की पुलिस और चश्मदीदों की जुबानी हम यहां आपको बताने जा रहे हैं.


सऊदी से बचकर जीने की चाह ऑस्ट्रेलिया ले आईं


ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में इस साल जून में सऊदी अरब (Saudi Arabia) की दो समलैंगिक बहनें मृत पाई गईं हैं. न्यू साउथ वेल्स पुलिस को 24 साल की असरा अब्दुल्ला अलसेहली और 23 साल की अमाल अब्दुल्ला अलसेहली के शव 7 जून को कैंटरबरी (Canterbury) के दक्षिण-पश्चिम उपनगर में उनके अपार्टमेंट के बिस्तर पर मिले थे. पुलिस के मुताबिक, इन बहनों के शव एक महीने से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद बरामद किए गए. पुलिस को इनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला था और न ही उनके अपार्टमेंट में जबरन किसी के घुस आने के सबूत पाए गए थे.


एनएसडब्ल्यू पुलिस ने लड़कियों की एक जानकार के हवाले से बताया कि दोनों बहनों ने जनवरी में लड़कियों के एक क्वीर प्रोग्राम (Girls-Only Queer) में शिरकत की थी. इस दौरान उन्होंने अपनी जानकार को बताया था कि उनके देश में क्वीर औरतें (Queer Women) डर के साए में रहती हैं. पुलिस इस मामले में दोनों बहनों को लैंगिकता (Sexuality) की वजह से सताए जाने की आशंका को लेकर जांच को आगे बढ़ा रही है. इन दोनों बहनों ने सऊदी अरब से आकर ऑस्ट्रेलिया में शरण लेने के लिए आवेदन किया था. हालांकि उनके यहां शरण लेने की वजह साफ नहीं हो पाई है.


दि गार्जियन (The Guardian) अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एनएसडब्ल्यू पुलिस अधिकारियों जोशुआ मैकडोनाल्ड (Joshua Mcdonald), मुस्तफा रचवानी (Mostafa Rachwani) और बेन डोहर्टी (Ben Doherty) का कहना है कि उन्हें एक या दोनों बहनों को उनके वतन (सऊदी अरब) में उनकी लैंगिकता (Sexaulity) को लेकर सताए जाने की आशंका है. गौरतलब है कि ये दोनों बहनें साल 2017 में अपने देश से भागकर ऑस्ट्रेलिया आईं गई थी. उन्होंने यहां शरण लेने के लिए आवेदन भी किया था. 


एनएसडब्ल्यू पुलिस दोनों बहनों की मौत की वजह पता करने कामयाब नहीं हो पाई है. हालांकि पुलिस ने इस तरह की मीडिया रिपोर्टों की पुष्टि करने से इंकार कर दिया है, जिनमें लड़कियों के खुदकुशी और उनकी लाश के पास रसायनों की बोतलें मिलने की बात की जा रही थी. गौरतलब है कि पहले पुलिस ने कहा था कि वे सऊदी अरब में बहनों के परिवार के संपर्क में हैं, और वे सहयोग कर रहे थे और उन्हें संदिग्ध नहीं माना गया था. 


एकांत में रहने की आदी थीं मृत बहनें


जानकारी के मुताबिक सऊदी अरब की ये समलैंगिक बहनें एकांतप्रिय जीवन की आदी थी. अपने देश सऊदी अरब का डर इन दो बहनों को दूसरे देश में भी चैन  नहीं लेने दे रहा था. ऑस्ट्रेलिया में वह कुछ दोस्तों के ही संपर्क में थी. उनकी जानकार एक महिला ने बताया कि वह इस साल की शुरुआत में लड़कियों के लिए एक क्वीर इवेंट (Girls-Only Queer) में उन बहनों से मिली थीं. नाम न छापने की शर्त पर इस महिला ने गार्जियन अखबार को बताया कि दोनों बहनें पार्टी में सबसे अलग-थलग रह रहीं थीं. मृत बहनों ने इस इवेंट के दौरान ही इस महिला को बताया था कि उनके देश सऊदी अरब में समलैंगिक लोगों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.


मृत बहनों के एक पुराने मकान मालिक ने गार्जियन अखबार को बताया कि 2017 और 2019 के बीच इन लड़कियों की मां उनसे मिलने आई थी. मकान मालिक ने कहा कि ये बहनें हमेशा अपने में ही रहती थीं. इन दो बहनों में से एक का प्रेमी था और दोनों के चंद दोस्त थे. दोनों बहनें केवल केवल खरीदारी या काम से ही बाहर निकलती थीं. ये बहनें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में ट्रैफिक कंट्रोल का काम करती थीं. बड़ी बहन असरा ने जनवरी 2019 में एक शख्स के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की अदालत में शिकायत की थी. हालांकि बाद में उसने ये शिकायत वापस ले ली थी. 


बहनों ने कहा था डर में थीं अपने वतन में


क्वीर इवेंट में मृत बहनों से मिली महिला ने बताया कि इवेंट के दौरान ये दोनों बहनें खुद को एक कोने में समेटे हुए थीं और बेहद शर्मा रहीं थीं. महिला ने बताया कि इसलिए वह उन दोनों बहनों के पास गई और उनसे बात करना शुरू किया. तब दोनों बहनों ने इस महिला को बताया था कि वो सऊदी अरब से हैं और वहां समलैंगिक महिलाएं डर के साए में रहती हैं.


उन्होंने इस महिला से कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया में आजादी से रह सकने के लिए इस देश की आभारी हैं. बहनों ने महिला को बहनों ने बताया कि यहां वो बगैर किसी डर के बेखौफ होकर अधिक आजाद तरीके से जी और रह पाती हैं. इस महिला ने जैसे ही इन दो बहनों की फोटो अखबार में देखी उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया. उसे लगा कि शायद उनके जानकारी देने से सऊदी बहनों की मौत के बारे में कुछ साफ पता चल पाएं.  वह कहती हैं कि यह जानकारी यह पता लगाने में मदद कर सकती है कि उनके साथ क्या हुआ है.


इस महिला ने पुलिस को बताया कि दोनों बहनों ने उनसे महिलाओं के अधिकारों के बारे में भी खुलकर बात की थी. मृत बहनों ने ऑस्ट्रेलिया में महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता से जीने की तारीफ की थी. हालांकि महिला ने बताया कि उन्होंने सऊदी अरब में उनके जीवन के बारे में पूछा तो लड़कियां टाल गईं. महिला ने कहा "हमने इस बारे में बात की कि सऊदी में महिलाओं के लिए खुले तौर पर समलैंगिक होना कितना असुरक्षित है."


महिला ने लड़कियां से पूछा था कि क्या वे हाल ही में परिवार से मिलने के लिए सऊदी अरब में अपने घर गईं थी, लेकिन वे विस्तार से ये बताने में हिचक रही थी. उन्होंने छोटा सा जवाब दिया. मुझे यह आभास हुआ कि वे बहुत कम ही बाहर जाती हैं और सिडनी के बारे में भी उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी. उन्होंने इस महिला को ये भी बताया था कि वे इस तरह के इवेंट में आने से उत्साहित थीं और वे सिडनी को घूमने के लिए तैयार थीं. उन्हें ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित महसूस हो रहा था.


इस महिला ने बताया कि एनएसडब्ल्यू पुलिस उनसे बात करने के लिए बेहद उत्सुक थी. महिला ने कहा कि पुलिस उनसे बहनों के समलैंगिक होने के बारे में जानना चाहती थी. हालांकि पुलिस को एक बहन के क्वीर होने की जानकारी थी, लेकिन दूसरी के बारे में पुलिस नहीं जानती थी.


ऑस्ट्रेलिया में सऊदी औरतों को मिला स्थायी सुरक्षा वीजा


गार्जियन ने ऑस्ट्रेलिया में शरण चाहने वाले सऊदी के लोगों के लिए काम करने वाले एक वकील से बात की. तो उन्होंने ने बताया कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बहनों को लगा कि उन्हें अपनी लैगिंक पहचान की वजह से सऊदी अरब से भागने की जरूरत है. उनका कहना था कि सऊदी से आस्ट्रेलिया में शरण चाहने वाले लोगों में बड़ी संख्या में वे लोग है जो अपनी लैंगिंक पहचान छुपाने की वजह से भागे हैं. ये लोग जानते थे कि अगर वे  सऊदी अरब में अपनी यौन पसंद का खुलासा करते हैं तो उन्हें सताया जाएगा.


बीते पांच वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में लगभग 75 सऊदी औरतों को स्थायी सुरक्षा वीजा दिया गया है. साल 2022 में आई ह्यूमन राइट्स वॉच वर्ल्ड (Human Rights Watch World Report) रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब के पास यौन पहचान या लिंग पहचान से संबंधित कोई लिखित कानून नहीं था. यहां न्यायाधीश शादी के बाहर यौन संबंध के संदेह वाले लोगों और समलैंगिकों को सजा देने के लिए अलिखित या असंहिताबद्ध (Uncodified) इस्लामी कानून के सिद्धांतों का इस्तेमाल करते हैं.


यदि व्यक्ति ऑनलाइन ऐसे संबंधों में लिप्त हैं, तो न्यायाधीश और अभियोजक देश के साइबर अपराध विरोधी कानून के अस्पष्ट प्रावधानों का इस्तेमाल करते हैं. इसके तहत ऐसी ऑनलाइन आपराधिक गतिविधियां आती हैं, जो यहां सार्वजनिक व्यवस्था, धार्मिक मूल्यों, सार्वजनिक नैतिकता और गोपनीयता पर प्रतिकूल असर डालती हैं. 


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