सऊदी अरबः विरोध के बीच झुके शाह, शियाओं की आवाज़ बने नाबालिग मुर्तजा को नहीं दी जाएगी फांसी
मुर्तजा कुरैशी नाम के एक व्यक्ति को 13 साल की उम्र में गिरफ्तार किया गया था. सरकारी वकील ने कुरैशी के लिए फांसी की मांग की थी लेकिन अब उन्हें साल 2022 तक जेल से रिहा कर दिया जाएगा.
रियादः सऊदी अरब में जुर्म के आरोप में गिरफ्तार एक नाबालिग मुर्तजा कुरैशी को मौत की सजा नहीं दी जाएगी. मुर्तजा कुरैशी को साल 2022 तक जेल से रिहा कर दिया जाएगा. 13 साल की उम्र में मुर्तजा कुरैशी को वहां की पुलिस ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था. वह शिया संप्रदाय से ताल्लुक रखता है.
मुर्तजा कुरैशी को फांसी दिए जाने की खबर को लेकर सऊदी अरब में सिया समुदाय के बीच विरोध के स्वर सुनाई दे रहे थे. इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कुरैशी के मामले को लेकर किरकिरी हुई थी. इन विरोधों को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया कि कुरैशी को फांसी नहीं दी जाएगी.
कुरैशी को मिली सजा में राहत
मामले पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने उसके लिए मौत की सजा की मांग की थी. जिसके बाद उसे 12 साल जेल की सजा सुनाई गई. अब उसके आचरण और व्यव्हार को देखते हुए उसकी सजा में 4 साल की कमी कर दी गई है. पहले उसे साल 2026 तक जेल में रहना पड़ता लेकिन अब 2022 तक जेल से रिहा कर दिया जाएगा.
क्या है कुरैशी का जुर्म
सरकारी अधिकारी ने बताया, ''मुर्तजा को फांसी नहीं दी जाएगी.'' मुर्तजा कुरैशी को सरकार विरोधी प्रदर्शन, आतंकी संगठन से जुड़ने और सुरक्षा बलों पर फायरिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया है.
एमनेस्टी इंटरनैशनल ने बताया कि नाबालिग बच्चे से पूछताछ के दौरान बुरी तरह से उसकी पिटाई की गई थी.
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