Coronal Hole: अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को सूर्य की सतह पर एक विशाल छेद दिखा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, इस छेद का आकार हमारी पृथ्वी से 60 गुना बड़ा है. जिसको लेकर खगोलशास्त्री चिंतित हैं. इस छेद को कोरोनल होल के नाम से जाना जाता है. यह देखने में एक काला और अंधेरा छेद है, जहां से सूर्य की रोशनी गायब हो गई है.


साइंस अलर्ट डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार,  इस छेद का आकार अभी और बढ़ सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनल होल अभी बहुत बड़ा है. इसकी  चौड़ाई 4,97,000 मील है, ऐसे में इसमें एक के बाद एक करके 60 पृथ्वी समा सकती है. ऐसे में इस छेद से सौर तूफान के निकलने की मात्रा भी काफी ज्यादा होगी.


छेद से निकल रहीं तेज हवाएं 


रिपोर्ट के अनुसार, सूरज में हुए इस बड़े से छेद की वजह से धरती को आने वाले समय में काफी नुकसान हो सकता है. इस छेद से तूफ़ान जैसी हवाएं निकल रही है. जिससे धरती को नुकसान पहुंच सकता है. कोरोनल होल ऐसे क्षेत्र होते हैं, जहां सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र अंतरिक्ष में खुलता है, जिससे सौर हवा अधिक स्वतंत्र रूप से बाहर निकल पाती है. 


सनस्पॉट, विशेष रूप से, सूर्य की सतह पर ठंडे क्षेत्र हैं, जहां चुंबकीय क्षेत्र काफी मजबूत होते हैं. हालांकि इन सब के बीच वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोरोनल छेद पृथ्वी से दूर दिशा में आगे बढ़ रहा है. ऐसे में फिलहाल कोरोनल छेद पृथ्वी के लिए कोई महत्वपूर्ण खतरा नहीं है. हालांकि साल 2024 तक यह अपना अधिकतम प्रभाव दिखा सकता है.  


सौर तूफ़ान की आशंका


छेद से निकल रहीं हवाओं को लेकर संभावना व्यक्त की गई है कि इससे सौर तूफ़ान आ सकता है. दरअसल,  सौर तूफ़ान  सूर्य से निकलने वाला रेडिएशन होता है, जो पूरे सौर मंडल को प्रभावित कर सकता है. इसके प्रभाव से धरती का चुंबकीय क्षेत्र तक नहीं बचता. इसी वजह से इसे आपदा कहते हैं.