Scientists Solve Mystery Gate of Hell: तुर्किए के हिएरापोलिस शहर में एक मंदिर स्थित है जिसे 'नरक का द्वार' कहा जाता है. प्राचीन काल से ही लोग यहां जाने से डरते रहे हैं. लोगों का मानना है कि यहां देवताओं का प्रकोप है. यही वजह है कि यहां जाने वाले लोगों की मौत हो जाती है. प्राचीन काल में लोग देवताओं को खुश करने के लिए पशुओं की बलि देते थे.
हालांकि, मंदिर के रहस्य से अब पर्दा उठ गया है. शोधकर्ताओं के मुताबिक मंदिर के अंदर पृथ्वी की पपड़ी से खतरनाक गैसों का रिसाव हो रहा है. यही नहीं मंदिर के प्रवेश द्वार पर कार्बन डाइऑक्साइड की घातक सांद्रता मिली है. यही वजह है कि मंदिर के अंदर किसी भी जीवित प्राणी के जाते ही उसकी मौत हो जाती है.
पुरातत्वविदों को अध्ययन में पता चला है कि मंदिर के अंदर CO2 की मात्रा काफी अधिक है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस मंदिर में जाने का सबसे घातक समय सुबह का है. क्योंकि रात में गैसों का रिसाव काफी तेज होता है. सुबह की रोशनी से पूर्व अगर कोई इस मंदिर में प्रवेश करता है तो उसकी मौत पक्की है. सूर्य के निकलते ही गैसों का रिसाव कम हो जाता है. जिससे जीवित प्राणियों के मरने की संभावना भी कम हो जाती है.
कैसा है 'नरक का द्वार'?
स्ट्रैबो के मुताबिक यह एक छोटा सा खुला हुआ स्थान है. इस जगह पर एक बार में केवल एक इंसान ही प्रवेश कर सकता है. दूर से देखने पर यह किसी गुफा की तरह नजर आता है. मंदिर के अंदर का दृश्य काफी धुंधला है. ऐसे में सतह को देख पाना बड़ा मुश्किल हो जाता है. अंधेरा ज्यादा होने की वजह से जो कोई इसमें जाता है वह गिर जाता है और खतरनाक गैसों की वजह से उसकी मौत हो जाती है.