SCO Summit 2022: उज़्बेकिस्तान के समरकंद (Samarkand) में SCO यानी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन समिट का आयोजन हो रहा है. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी शामिल होंगे. इस समिट में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी आज दोपहर समरकंद के लिए रवाना होंगे. शाम करीब 6 बजे उनके समरकंद पहुंचने की संभावना है. जिसके बाद 16 सितंबर को पीएम मोदी SCO की बैठक में शामिल होंगे. इस बार का SCO समिट कई मायनों में खास है. इस समिट में पाकिस्तान के पीएम और चीन के राष्ट्रपति भी शामिल हो रहे हैं.
पाकिस्तानी पीएम से होगी मुलाकात?
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से ही अच्छे नहीं रहे हैं. पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत बंद कर दी. 2016 में हुए पठानकोट हमले के बाद से दुनिया के किसी भी मंच पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई. 2019 में किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में पीएम मोदी और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच छोटी सी मुलाकात हुई थी. जिसे शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया गया. हालांकि भारत की तरफ से तब साफ कर दिया गया था कि पाकिस्तान के साथ समिट में कोई बातचीत नहीं होगी.
अब तीन साल बाद यानी 2022 में दोनों देशों के प्रधानमंत्री एक बार फिर इस मंच पर होंगे. हालांकि इस बार भी बातचीत के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से पहली बार पीएम मोदी का सामना होगा. दोनों नेताओं के बीच अगर बातचीत होती है तो ये भारत-पाक व्यापार के लिए काफी अहम होगा. पाकिस्तान चाहेगा कि हर हाल में वो भारत से बातचीत करे, क्योंकि वहां बाढ़ ने तबाही मचाई है और पहले से ही चरमराई अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो चुकी है. हालांकि पीएम मोदी एक बार फिर पाक पीएम के सामने आतंकवाद के मुद्दे को छेड़ सकते हैं.
LAC पर डिसइंगेजमेंट के बीच जिनपिंग से मुलाकात
समरकंद में हो रहे इस SCO समिट में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की करीब 34 महीने बाद मुलाकात होने जा रही है. भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. दोनों के बीच आखिरी मुलाकात 2019 में BRICS सम्मेलन के दौरान हुई थी. सीमा विवाद के बाद ये दोनों की पहली मुलाकात होगी. इस समिट से ठीक पहले चीन की तरफ से थोड़ी नरमी दिखाई गई और LAC पर तमाम विवादित इलाकों से सेना को हटा लिया गया. भारत और चीन की सेनाओं ने विवादित इलाकों से अपने बंकर भी हटा लिए हैं. जिसके बाद डिसइंगेजमेंट का काम लगभग पूरा हो चुका है.
भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुए डिसइंगेजमेंट के बाद रिश्तों में सुधार नजर आ रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि सीमा विवाद के अलावा भी पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच कई और मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. रिश्ते खराब होने के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार पर भी काफी असर पड़ा था. अब इसे लेकर भी बातचीत आगे बढ़ सकती है.
कोरोना के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर जिनपिंग
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कोरोना महामारी के बाद पहली विदेश यात्रा पर हैं. एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए वो उज़्बेकिस्तान पहुंच रहे हैं. बता दें कि चीन पर कोरोना महामारी को लेकर कई गंभीर आरोप लगते आए हैं. क्योंकि कोरोना का सबसे पहला मामला चीन से ही सामने आया, ऐसे में चीन हमेशा से ही सवालों के घेरे में रहा है. हालांकि जिनपिंग और चीन की सरकार हमेशा से ही इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराती आई है.
यूक्रेन से युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन से युद्ध के बाद पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर मौजूद रहेंगे. यूक्रेन पर हमले को लेकर दुनिया के कई बड़े देश रूस के खिलाफ हैं. हालांकि भारत ने इस मामले पर रूस के खिलाफ खुलकर कभी नहीं कहा. भारत ने कहा कि बातचीत से मुद्दा सुलझाया जाना चाहिए. इसके चलते अमेरिका ने नाराजगी भी जताई थी. ऐसे में पीएम मोदी और पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. इसके साथ ही जिनपिंग और पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात पर भी दुनिया की नजर है.
क्या है शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO)
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) का गठन 2001 में हुआ था. इसमें भारत, पाकिस्तान, रूस और चीन समेत कुल 8 स्थायी सदस्य हैं. ये एक जियोपॉलिटिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है. शुरुआत में इसमें कुल 6 सदस्य थे... जिनमें रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान , किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे. जिसके बाद भारत और पाकिस्तान भी इसमें शामिल हो गए. इसके अलावा इसमें 6 डायलॉग पार्टनर और 4 ऑब्जर्वर देश भी शामिल हैं. SCO की अगली बैठक अगले साल 2023 में भारत में होगी.
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