SCO Summit 2024 LIVE Updates: शहबाज बैठे देखते रह गए, जयशंकर ने इशारों में पाकिस्तान की उड़ाई धज्जियां, कहा- आतंकवाद से बचना होगा
SCO Summit 2024 LIVE Updates: डॉ एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते तभी अच्छे हो सकते हैं जब आपसी भरोसा हो. आतंकवाद और कट्टरता से बचना जरूरी है.
एस जयशंकर ने कहा कि जलवायु की चरम परिस्थितियां, आपूर्ति श्रृंखला संबंधी अनिश्चितताएं, वित्तीय अस्थिरता जैसे विभिन्न प्रकार के व्यवधान विकास को प्रभावित कर रहे हैं. आज हमें मिलकर भरोसे के साथ चलना होगा.
एस जयशंकर ने SCO की बैठक में शहबाज शरीफ से सामने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि आपकी भरोसा जरूरी है. आतंकवाद से हमें बचना होगा. कट्टरता से भी बचना होगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि एससीओ दुनिया की आबादी का 40 प्रतिशत है और हमको आपस में सहयोग बढ़ाना चाहिए. हमें इस अवसर का प्रयोग अपने समाज को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए और इसके लिए मिल कर आगा बढ़ना है. आप सभी का यहां पर होने के लिए धन्यवाद.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में SCO शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का स्वागत किया. विदेश मंत्री SCO परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान गए हैं.
एआरवाई न्यूज से बातचीत में बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक के मौके पर द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है शिखर सम्मेलन के मौके पर दोनों देशों को द्विपक्षीय बातचीत के बारे में सोचना चाहिए.
इंडिया टुडे ग्लोबल के साथ एक विशेष बातचीत में, पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय बैठक से इनकार किया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लंबे वक्त से जारी है. ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का पाकिस्तान की ये पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. ऐसे में दुनियाभर में इस दौरे की चर्चा है. पाकिस्तान भी मान रहा है इससे पहले के मुताबिक दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होंगे. हालाकि भारत ने पहले ही कई बार साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ मुमकिन नहीं है. पाकिस्तान अगर चाहता है रिश्ते बेहतर हो तो पहले उसे आतंकियों को पनाह देना बंद करना होगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को यहां एक दूसरे का अभिवादन किया. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए आज इस्लामाबाद पहुंचे. शरीफ ने एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के सम्मान में अपने आवास पर रात्रिभोज दिया था और इसी दौरान उन्होंने और जयशंकर ने एक दूसरे का अभिवादन किया. जयशंकर और शरीफ ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बहुत ही संक्षिप्त बातचीत की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एससीओ के सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के नेताओं का अभिवादन किया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर विभिन्न एससीओ सदस्य देशों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें कीं और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने तथा अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन को मजबूत करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया. पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. आधिकारिक बयान के अनुसार, शरीफ ने बेलारूस के प्रधानमंत्री रोमन गोलोवचेंको, तजाकिस्तान के प्रधानमंत्री कोहिर रसूलजोदा और किर्गिस्तान के प्रधानमंत्री अकिलबेक जापारोव के साथ अलग-अलग बैठकें कीं तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की.
पाकिस्तान में पीएम शहबाज शरीफ की ओर से रखे गए रात्रिभोज से पहले एस जयंशकर और पाकिस्तानी पीएम का आमना-सामना हुआ. कुछ सेकेंड्स की मुलाकात के दौरान दोनों ने एक-दूसरे हाथ मिलाया और थोड़ी सी बात की.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एससीओ बैठक के लिए सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया है. डॉ एस जयशंकर और पाकिस्तानी पीएम ने एक-दूसरे को बधाई दी.
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर का रेड कार्पेट बिछाकर पाकिस्तान में स्वागत किया गया. पारंपरिक तौर पर इस रंग की कार्पेट का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी वीआईपी व्यक्ति, सेलिब्रिटी या फिर बड़े प्रतिनिधि की औपचारिक एंट्री होनी होती है.
शंघाई सहयोग संगठन एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन और रूस ने की थी. इसका मुख्यालय बीजिंग में है और इसकी स्थापना चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और तजाकिस्तान ने मिलकर की थी. एससीओ स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण आदि क्षेत्रों में प्रभावी सहयोग को प्रोत्साहित करके सदस्य राज्यों के बीच आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी की भावना को मजबूत करने पर जोर देता है.
भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है लेकिन इसके लिए आतंकवाद और द्वेष मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है. मई 2023 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में एससीओ देशों की विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे.
वरिष्ठ मंत्री को पाकिस्तान भेजने के फैसले को एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है. भारत के युद्धक विमानों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमले किए थे जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था. यह तनाव तब और बढ़ गया जब भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जा वापस लेने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की. नयी दिल्ली के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों का स्तर कम कर दिया था.
यह करीब नौ वर्ष में पहली बार होगा कि भारत का कोई विदेश मंत्री कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते तल्ख होने बावजूद पाकिस्तान की यात्रा कर रहा है. आखिरी बार पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं. वह अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद आई थीं. एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे नयी दिल्ली की ओर से एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा जा रहा है.
डॉ एस जयशंकर की यात्रा की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इस्लामाबाद पहुंचने के तुरंत बाद उनके एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित भोज समारोह में शामिल होने की संभावना है. भारत-पाकिस्तान दोनों ने एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक के इतर जयशंकर और पाकिस्तान के उनके समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है. हालांकि, वे सामान्य शिष्टाचार का पालन करेंगे.
भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाकिस्तान पहुंचने से कुछ घंटे पहले मंगलवार को कहा कि वह इस प्रभावशाली क्षेत्रीय समूह के विभिन्न तंत्रों से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है. भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव के बीच करीब एक दशक में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पड़ोसी देश की यह पहली यात्रा है. पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की दो दिवसीय बैठक की मेजबानी कर रहा है.
बैकग्राउंड
SCO Summit 2024 LIVE Updates: इंडिया के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर मंगलवार (15 अक्टूबर, 2024) को पाकिस्तान पहुंचे. वह वहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में हिस्सा लेने गए हैं. इस्लामाबाद में नूर खान हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. भारत की ओर से कहा गया कि वह एससीओ की विभिन्न प्रणालियों में सक्रियता से शामिल है. पाकिस्तान 15-16 अक्टूबर को एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, "एससीओ सीएचजी की बैठक सालाना होती है और इसमें संगठन के व्यापार के साथ आर्थिक एजेंडा पर ध्यान दिया जाता है. सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत एससीओ की रूपरेखा के तहत अनेक प्रणालियों और पहल समेत इसके प्रारूप में सक्रियता से शामिल है." मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि जयशंकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित रात्रिभोज समारोह में शामिल हो सकते हैं. शरीफ एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए उन्हें रात्रि भोज देंगे.
दोनों पक्षों ने पहले ही एससीओ के शासन प्रमुखों के शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है. जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसे नई दिल्ली की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है.
यह पिछले कुछ वर्षों में किसी सीनियर भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है. पिछले करीब नौ साल में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की है. दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे पर और पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण बने हैं. डॉ एस जयंशकर से पहले विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी. वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर सम्मेलन में शामिल होने इस्लामाबाद गई थीं.
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