(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sco Summit 2024 : एससीओ की मीटिंग में कजाकिस्तान इसलिए नहीं जा रहे पीएम मोदी, सामने आई वजह
Sco Summit 2024 : भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर प्रतिनिधत्व करेंगे. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पुतिन भी वहां पहुंच चुके हैं
Sco Summit 2024 : शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मीटिंग से प्रधानमंत्री मोदी ने किनारा कर लिया है. कजाकिस्तान में होने वाली इस मीटिंग में PM मोदी नहीं जाएंगे. हालांकि, उनकी तरफ से भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर प्रतिनिधत्व करेंगे. इस बैठक में एससीओ के बीते 20 सालों की गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी और आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी. पीएम मोदी के नहीं जाने के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं.
कुछ का मानना है कि इस संगठन में चीन का हस्तक्षेप बढ़ रहा है, इसलिए भारत इससे दूरी बना रहा है. यह ग्रुप अब पश्चिम विरोधी होता जा रहा है. वहीं, कुछ का कहना है कि पार्लियामेंट के सेशन के कारण मोदी इसमें नहीं गए हैं. एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने एक लेख में कहा कि भारत की बेचैनी चीन को लेकर है, क्योंकि SCO में चीन का लगातार प्रभाव बढ़ रहा है. इस संगठन में भारत को छोड़ दिया जाए तो बाकी देश चीन बेल्ट हैं.
SCO के 9 देशों में भारत ही पूर्ण लोकतंत्र वाला देश है. साल 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर इसे शंघाई में लॉन्च किया था. एससीओ की बैठक में शामिल होने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ कजाकिस्तान पहुंच चुके हैं.
इसलिए पीएम मोदी नहीं गए कजाकिस्तान
BBC की रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार संजय पांडे के हवाले से लिखा गया कि नई सरकार गठन के बाद पीएम मोदी की व्यस्तताएं बढ़ी हैं. पिछले साल जब भारत एससीओ का अध्यक्ष था, तब भी हमने वर्चुअल समिट करवाया था. कहीं न कहीं इससे ये आशय निकाला जा सकता है कि भारत की प्राथमिकता में एससीओ नहीं है. ये भी हो सकता है कि पीएम मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ के साथ मंच साझा नहीं करना चाह रहे हों.
चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों से भारत के संबंध काफी वक्त से खराब चल रहे हैं. पीएम मोदी अगले हफ्ते रूस के दौरे पर जाने वाले हैं, वहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति पुतिन से होगी. माना जा रहा है कि एससीओ में पीएम मोदी की गैर-मौजूदगी से मध्य एशियाई देशों के नेताओं को निराशा हो सकती है. भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि पीएम मोदी संसद में सत्र के कारण एससीओ समिट में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, इसी की भरपाई जुलाई में रूस दौरे से करेंगे.