अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा कैसी होती है, क्यों मानी जाती है अभेद, जानें
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती मानी जाती है. इसीलिए अमेरिका के राष्ट्रपति जब किसी देश के दौरे पर होते हैं तो एक पूरा सुरक्षा बेड़ा उनके साथ चलता है. जिसमें होते हैं जल, थल और वायु सेना के जांबाज सैनिकों के साथ सीक्रेट सर्विस के खतरनाक एजेंट.

Donald Trump : सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपति की सुरक्षा एक अभेद किले की तरह होती है जिसे भेद पाना दुश्मन के लिए नामुमकिन होता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं. उनके आने की तैयारियां जोरशोर से चल रही है. उनकी सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा कैसी होती है जानते हैं.
अमेरिका की राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मी इतने चौकन्ने होते हैं कि उनकी निगाहों से बचपाना मुश्किल होता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अगल बगल उनका खास सुरक्षा दस्ता चलता है. जो हर आने वाले खतरे को झेलने की ताकत रखता है.
सुरक्षा के इंतजाम सुनकर हैरान रह जाएंगे
अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा में करीब 500 अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंट होंगे. वहीं 10 हजार एनएसजी और पैरामिलिट्री के जवानों के साथ करीब 80 हजार दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. इसके अतिरिक्त अमेरिकी एयरफोर्स वन विमान, 3 मरीन वन हेलिकॉप्टर, 6 लड़ाकू विमान हर वक्त तैनात रहेंगे. वहीं अमेरिका के कमांडोज भी मुस्तैद रहेंगे. इनकी संख्या भी सैकड़ों में बताई जा रही है.
जल,थल और आकाश में रहेगा अलर्ट
जिस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति भारत दौरे पर रहेंगे उस दिन समुद्र में भी हाई अलर्ट रहेगा. भारत की सीमाओं से होकर गुजरने वाले सभी सामुद्रिक मार्गों पर अमेरिका की नेवी कड़ी नजर रखेगी. अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी वहां की युनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस के पास है. इसके एजेंट हर समय राष्ट्रपति के आसपास काला चश्मा लगाकर रहते हैं. इन एजेंटों का घेरा बहुत ही मजबूत माना जाता है.
इन पर होती है राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी
सीक्रेट सर्विस, सीआईए और अमेरिकी फौज मिलकर राष्ट्रपति की सुरक्षा करते हैं. राष्ट्रपति का जब दूसरे किसी भी देश में जाना होता है तो इनके अधिकारी काफी दिन पहले से ही रणनीति बनाना शुरू कर देते हैं. इस पूरी प्रकिया को कई चरणों में अंजाम दिया जाता है. पूरी जानकारी लेने और संतुष्ट होने के बाद ही ये हरी झंडी देते हैं. दौरे से पहले इनकी स्वीकृति बहुत अहम होती है. किसी भी रासायनिक, जैविक या फिर परमाणु हमले से निपटने का इंतजाम इन्ही लोगों पर होता है जिसमें ये एक पल भी नहीं गंवाते हैं.
साथ उड़ता है ये खतरनाक हेलाकॉप्टर
राष्ट्रपति के साथ अमेरिकी नौसेना का सबसे खतरनाक माने जाने वाला मरीन वन हेलीकॉप्टर साथ चलता है. इस हेलीकॉप्टर पर तोप के गोले का भी असर नहीं होता है. मिसाइल भी इसे भेद नहीं सकती है. यह वीएच-थ्री कैटेगरी का हेलीकॉप्टर है. जो बेहद सुरक्षित माना जाता है. विदेशी दौरे पर यह राष्ट्रपति के साथ ही उड़ता है.
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