America Allegation On India: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्विपक्षीय मामलों पर बातचीत के लिए नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि प्रधान उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने भारत के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री के साथ आईसीईटी की समीक्षा करेंगे.


आईसीईटी भारत और अमेरिका की साझेदारी का एक महत्वाकांक्षी पहल है. व्हाइट हाउस ने कहा, "आईसीईटी अमेरिका-भारत साझेदारी में एक मील का पत्थर है. आईसीईटी को रणनीतिक सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग के तौर पर देखा जाता है."


अमेरिकी जमीन पर कथित हत्या की कोशिश का मामला


हाल ही अमेरिका के न्याय विभाग ने निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय पर एक सिख अलगाववादी नेता की ‘हत्या की कोशिश’ का आरोप लगाया था. अमेरिका ने 52 साल के निखिल गुप्ता पर सिख अलगावादी की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था.


हालांकि अमेरिका ने आरोपों में सिख अलगाववादी नेता का नाम नहीं बताया था लेकिन मीडिया रिपोर्टों में सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम सामने आया. भारत की ओर से अमेरिका को कहा गया कि वह इस मामले की जांच के लिए एक कमिटी बना चुका है जो आरोपों की जांच करेगी.


व्हाइट हाउस ने कहा, "फाइनर ने अमेरिका में घातक साजिश की जांच के लिए भारत की ओर से बनाए गए एक जांच समिति और जिम्मेदार पाए जाने वाले व्यक्ति को जवाबदेह ठहराए जाने के महत्व को स्वीकार किया है."


क्या हैं आरोप?


अमेरिकी न्याय विभाग ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर सिख अलगाववादी नेता की कथित हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था. सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी ने कोर्ट में एक चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि निखिल गुप्ता ने भारत के सरकारी अधिकारी के कहने पर न्यू यॉर्क में रहने वाले एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या का ठेका एक व्यक्ति को दिया. निखिल गुप्ता ने पेशगी के तौर पर उस व्यक्ति को 1 लाख डॉलर (84 लाख रुपये) भी दिए थे. अटॉर्नी ने कोर्ट को कहा था कि जिस व्यक्ति को निखिल गुप्ता ने पेशगी की रकम दी थी कि वह अमेरिका का एक अंडरकवर एजेंट था.


(इनपुट-पीटीआई)


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