नई दिल्लीः तालिबान ने मुल्लाह मोहम्मद हसन अखुन्द के नेतृत्व में अफ़्गानिस्तान में नई सरकार का ऐलान कर दिया है. गौरतलब है कि अब इसी सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र में तालिबान सरकार संबंधित तीन अहम फैसले होने हैं. सबसे पहले 18 और 19 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की UNAMA यानी यूनाईटेड नेशन्स एसिसटेन्स मिशन इन अफ़्गानिस्तान (United Nations Assistance Mission in Afghanistan) की अहम बैठक होनी है जिसमें ये महत्वपूर्ण फैसला लिया जाएगा कि संयुक्त राष्ट्र अफ़्गानिस्तान को अपना एसिसटेन्स जारी रखेगा या नहीं. ज़ाहिर है नई तालिबानी सरकार के लिए ये बहुत अहम रहने वाला है.


इसके बाद दूसरी अहम बात ये कि इसी महिने की 21 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की तालिबान सैन्कशन कमेटी 1988 के तहत प्रतिबंध से कुछ तालिबानी नेताओं को शांति वार्ता के लिए जो छूट दी गई थी उसकी मियादी खत्म हो रही है. लिहाज़ा इस बाबत भी फैसला संयुक्त राष्ट्र को 22 सितंबर से पहले करना होगा.


इसी बीच हुई नई सरकार के ऐलान में शामिल नामों में खुद प्रधानमंत्री मुल्लाह मोहम्मद हसन अखुन्द, उप प्रधानमंत्री मुल्लाह बरादर, उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी ,गृह मंत्री सिराज्जुद्दीन हक्कानी, विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं. सिराजुद्दीन हक्कानी पर तो FBI ने 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ईनाम भी घोषित किया हुआ है. तालिबान चाहता है संयुक्त राष्ट्र उस पर से पूरी तरह से प्रतिबंध हटा दे. 


तीसरी और महत्वपूर्ण बात ये कि सितंबर के हीं महीने के आखीर में संयुक्त राष्ट्र जेनरल एसेंबली का सम्मेलन होना है और देखना दिलचस्प होगा कि अफ़्गानिस्तान इस बार जेनरल एसेंबली को संबोधित करना चाहेगा कि नहीं, क्योंकि अगर अफ़्गानिस्तान ऐसा करना चाहेगा तो उसे संयुक्त राष्ट्र से मान्यता चाहिए होगी. ये फैसला भी संयुक्त राष्ट्र की Accreditation Committee यानी प्रत्यायन समिति को लेना होगा और ये फैसला भी 21 सितंबर तक कर लेना होगा.


अब देखना ये भी दिलचस्प होगा कि नई तालिबानी सरकार कितनी जल्दी संयुक्त राष्ट्र की प्रत्यायन की अपील करती है और तालिबान का कोई प्रतिनिधि इस बार संयुक्त राष्ट्र की जेनरल एसेम्बली को संबोधित करता है या नहीं.


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