Serbia Protest: यूरोपीय देश सर्बिया में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं. देश भर में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां गुस्साई भीड़ पिछले सप्ताह के आम चुनाव में कथित धोखाधड़ी का विरोध कर रही है. रविवार (24 दिसंबर) को तो प्रदर्शनकारियों ने बेलग्रेड की ऐतिहासिक इमारत सिटी हॉल में घुसने की कोशिश की. जिसे देखते हुए स्थानीय पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. 


बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सिटी हॉल के बाहर भीड़ में से कुछ लोगों ने खिड़कियां तोड़ दीं और जबरन अंदर घुसने का प्रयास किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से झड़प भी हुई और आखिरकार सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने में सफल रहे विपक्षी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस ने रविवार को अत्यधिक बल प्रयोग किया. उनका आरोप है कि सरकार ने सत्तारूढ़ दल द्वारा जीते गए चुनावों में हेरफेर किया. राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक का कहना है कि आरोप बकवास और झूठ हैं. 


सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयास 


गौरतलब है कि सर्बिया में बीते 17 दिसंबर को आम चुनाव के नतीजे आये थे, जिसमें राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसिक की सरकार की सत्ता में वापसी हुई. रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक ने कहा कि यह विदेश से संचालित सरकार को उखाड़ फेंकने का एक प्रयास था. उन्होंने कहा कि 35 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आगे और लोगों को हिरासत में लिया जाएगा.


राष्ट्रपति ने धांधली से किया इनकार


इसके साथ ही वुसिक ने वोट में धांधली से इनकार किया है और देश में हुए चुनाव को निष्पक्ष बताया. वुसिक ने रविवार को कहा कि मतदान में अनियमितताओं के दावे राजनीतिक विपक्ष द्वारा प्रचारित ज़बरदस्त झूठ है. वुसिक ने कहा कि देश में अशांति विदेश से भड़काई गई थी लेकिन दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया गया. 


बता दें कि विरोधी पार्टी सर्बिया अगेंस्ट वॉयलेंस को चुनाव में 23.5 फीसदी वोट मिले. अन्य सोशलिस्ट पार्टी ऑफ सर्बिया को 6.56 फीसदी वोट मिले हैं. ऐसे में विपक्षी पार्टियां धांधली का आरोप लगाकर चुनाव को अवैध घोषित कर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रहीं हैं. 


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