नई दिल्ली: नए साल के पहले दिन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को लताड़ा. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य और दूसरे आर्थिक मदद बंद कर दिए. इस कार्रवाई पर पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि अमेरिका ये सब कुछ भारत के दबाव में कर रहा है. खबरें ये भी आ रही हैं कि अमेरिका के फैसले के विरोध में पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ खुफिया और सुरक्षा सहयोग को स्थगित कर दिया है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप स्विट्जरलैंड में होने वाली वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान मिलने वाले हैं. ऐसे में मुमकिन है कि पाकिस्तान को ये मुलाकात और भारी पड़े.


पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की मुलाकात जब-जब होती है वो पूरी दुनिया में चर्चा की वजह बनती है. स्विट्जरलैंड के डावोस शहर में दोनों नेताओं की बैठक मुमकिन है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा है कि द्विपक्षीय बैठकों समेत दावोस में राष्ट्रपति की यात्रा का कार्यक्रम तय किया जा रहा है. आखिरी बार नवंबर 2017 में राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी आसियान समिट के दौरान अलग से मिले थे.


यूएन में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने पहले ही साफ कर दिया था कि जब तक पाकिस्तान अपना चाल, चरित्र और चेहरा नहीं बदलता वो अमेरिका से कोई रियायत की उम्मीद ना रखे. अमेरिका की इस लताड़ के बाद पाकिस्तान बौखला गया है.


पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सभी तरह के रक्षा और सुरक्षा सहयोग को सस्पेंड कर दिया है. पाकिस्तान के रक्षामंत्री खुर्रम दस्तगीर ने एक कार्यक्रम के दौरान ये दावा किया है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की रसद सप्लाई रोकने की भी धमकी दी है. ओसामा बिन लादेन के खात्मे के बाद भी पाकिस्तान ने साल 2011 में अमेरिका के लिए अफगान रूट बंद कर दिया था.


आतंकवाद के मुद्दे पर घिरे पाकिस्तान को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. अमेरिका से आर्थिक बंदी का झटका मिलने के बाद पाकिस्तान को हिंदुस्तान के मोर्चे पर भी मात खानी पड़ी है. सूत्रों के मुताबिक सीजफायर तोड़ने वाले पाकिस्तान के 138 सैनिकों को भारतीय सुरक्षाबलों ने इस साल मार गिराया है. जबकि पाकिस्तानी आर्मी के 155 जवान भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में बुरी तरह जख्मी हुए हैं. साल 2017 में पाकिस्तान ने 860 बार सीजफायर उल्लंघन किया था जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई है.


भारतीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई से साफ है कि पाकिस्तान की हर गुस्ताखी का जवाब गोली से नहीं बल्कि गोले से दिया जाएगा. साथ ही अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भी उसके खिलाफ कार्रवाई को और धार दी जाएगी. माना जा रहा है कि नए साल पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात से इसका आगाज होगा.